

भोपाल में 48 हजार कोरोना पॉजिटिव केस मिलने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है…
भोपाल। 48 हजार कोरोना पॉजिटिव केस मिलने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। इसी के चलते मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में प्रदेश का सबसे बड़ा क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। एक ही समय में 10 हजार एक्टिव मरीज मिलने की आशंका के चलते भी तैयारियां की जा रही हैं। जिला प्रशासन ने संपूर्ण मैनिट कैंपस का अधिग्रहण कर लिया है। इसके आदेश अपर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मैनिट के सभी भवन और कमरों को सैनिटाइज करा कर एसडीएम टीटी नगर राजेश शुक्ला को सौंपा जाए। यहां पर 6 बड़े हॉस्टल हैं, जिनका प्रारंभिक तौर पर अधिग्रहण कर क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाएगा। एक हॉस्टल में 200 कमरे हैं। इस तरह 1200 कमरों का क्वारंटाइन सेंटर बनेगा। इधर, मैनिट प्रबंधन ने हॉस्टल को जिला प्रशासन के हवाले करना शुरू भी कर दिया है। बुधवार को 200 कमरों के हॉस्टल नंबर-11 को एसडीएम के सुपुर्द कर दिया गया। यहां करीब 5 हजार लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है।
छात्रों ने कलेक्टर को ट्वीट कर जताया विरोध

इधर, हॉस्टल अधिग्रहण की सूचना मिलने पर मैनिट के छात्रों ने भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े के ट्वीटर हैंडल पर विरोध जताया है। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में उनके अहम दस्तावेज और लैपटॉप रखे हुए हैं। ऐसे में उनके दस्तावेज गुम हो सकते हैं। वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि हम कैसे इस बात को मान लें कि संक्रमण खत्म होने के बाद पूरे हॉस्टल को सैनिटाइज कर हमें हमारे दस्तावेज और लैपटॉप बिना किसी क्षति के उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
मैनिट प्रबंधन का तर्क…हमारे पास कोई विकल्प नहीं
दूसरी ओर मैनिट के रजिस्ट्रार ने बुधवार को सफाई पेश कर छात्रों को बताया कि उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। महामारी एक्ट के अनुसार हॉस्टल जिला प्रशासन के हवाले करना ही होगा। इस स्थिति में हॉस्टल में रखे छात्रों के दस्तावेज और अन्य सामाग्री की पूरी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। वहीं छात्रों की सामाग्री सुरक्षित रखवा दी जाएगी। इस संबंध में निगम कमिश्नर और जिला प्रशासन के अफसरों के साथ प्रबंधन की बैठक भी हो चुकी है। हॉस्टल नंबर-11 सबसे पहले जिला प्रशासन को दिया जा रहा है।
