

केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश सरकार से की कडी कार्यवाही की मांग…
कछुआ के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया में स्वत: किया वायरल…
अनूपपुर ।

कोतमा विधायक सुनील सराफ द्वारा वन्य सरंक्षण अधिनियम शिड्यूल – 1 के तहत संरक्षित कछुए के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल की । इसे पुष्पराजगढ विधायक फुन्देलाल सिंह ने अन्य लोगों के साथ सराहा है। इस पर कडी आपत्ति करते हुए भाजपा नेता एवं जय भारत मंच के जिलाध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी तथा प्रदेश सरकार से मामले की जांच करवा कर नियमत: कार्यवाही करने की मांग की है। श्री द्विवेदी ने इस पर भी कडी आपत्ति की है कि पत्रकारों द्वारा जानकारी दिये जाने तथा सोशल मीडिया में धडल्ले से वायरल होने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई नोटिस नहीं लिया , ना ही कार्यवाही की। अब इसकी शिकायत कलेक्टर श्री चन्द्रमोहन ठाकुर के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह को कर कार्यवाही की मांग की जा रही है।
26 मई की दोपहर लगभग 12 बजे सुनील सराफ के फेसबुक वाल पर कछुआ के साथ अपनी तस्वीर उन्होंने स्वत: शेयर की है। जिसके वायरल होने के बाद जिले के वरिष्ठ पत्रकार अजीत मिश्रा ने इसकी सूचना अनूपपुर डी एफ ओ को दी। डी एफ ओ ने स्वत: माना कि यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। विधायक को अधिनियम के उल्लंघन से उनकी ही वाल पर एक शख्स ने आगाह भी किया है। जबकि अन्य लोगों के साथ पुष्पराजगढ विधायक फुन्देलाल सिंह ने उनकी पीठ थपथपाने का काम किया है।
भारत मंच के जिलाध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर कोतमा विधायक श्री सुनील सराफ की वन्यजीव कछुआ के साथ तस्वीरें शेयर की हुई हैं। जिसे पुष्पराजगढ विधायक ने भी सराहा है। यदि यह तस्वीर सही है तो वन विभाग के अधिकारियों को स्वत: संग्यान में लेकर जांच करनी चाहिए । विधायक पर नियम ,कायदों के संरक्षण का दायित्व है। यदि उन्होंने वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन किया है तो चिंताजनक है। दरअसल वन्यजीव अधिनियम के तहत इस तरह के किसी भी जीव के रखने,तस्करी करने,या इनसे छेड़ छाड़ करने के मामले में जघन्य अपराध माना गया है और कड़ी सजा का प्रावधान है। पर ये सब उनके लिए है जिनको कानून का खौफ है। विधायक कानून बनाने वालों मे से हैं। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सराफ द्वारा सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाली गई जिसमें उनके द्वारा एक कछुए को सीने पर बैठा कर **आखिर दोस्ती हो ही गई… क्वेरेन्टाईन इफेक्ट*** लिखा गया।
यह वन्यजीव अधिनियम को खुला चैलेंज माना जा रहा है। देखना है कि केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी तथा म प्र सरकार के अधिकारी इस मामले मे क्या कार्यवाही करते हैं। बहरहाल इस पूरे मामले में डी एफ ओ अनूपपुर का कहना है कि ऐसा नही होना चाहिए था और इस तरह से किसी वन्यजीव को पकड कर रखना और इस तरह से उसका प्रदर्शन करना गंभीर अपराध है। अब मामले की सत्यता की जांच कर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही की मांग की जा रही है।
