

अनूपपुर। उज्जैन से गिरफ्तार किए गए विकास दुबे की गिरफ्तारी में पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है। विकास दुबे सुनियोजित तरीके से फरीदाबाद से उज्जैन पहुंचा। इसके बाद वह महाकाल मंदिर परिसर पहुंचता है और महाकाल के दर्शन करने के लिए ढाई सौ ₹250 की रसीद भी कटवा लेता है । रसीद में अपना नाम विकास दुबे लिखवाता है। इसके बाद पर्ची काटने वाले बाबू से कहता है कि मैं ही वह विकास दुबे हूं कानपुर वाला ,जो मोस्ट वांटेड है । आप पुलिस को बुला लीजिए । मैं सरेंडर कर रहा हूं । इसका मतलब यह है कि विकास दुबे का शातिराना दिमाग ने पर्ची कटवा कर अपनी उज्जैन में मौजूदगी को भी कानूनी ढंग से प्रमाणित कर दिया है । पुलिस से तेज चलने वाले दुबे के दिमाग ने उत्तर प्रदेश की पुलिस को शर्मसार कर दिया है । इसके साथ ही मध्य प्रदेश पुलिस का वह चेहरा भी सामने आ गया है कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर अराजकता का राज सामने आया है । फरीदाबाद से वह यात्रा करता हुआ उज्जैन पहुंच गया लेकिन कहीं मध्यप्रदेश में उसकी पूछताछ तक नहीं की गई । तब जबकि रात्रि 11:00 से सुबह तक रात का कर्फ्यू अभी भी जारी है। विकास दुबे की मध्य प्रदेश से गिरफ्तारी ने मध्य प्रदेश पुलिस पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं ।
