

हवा के निम्न दाब का क्षेत्र बनने से महाकोशल, विंध्य और बुंदेलखंड में बारिश का दौर जारी है। बारिश का मंडला, डिंडोरी और उमरिया में ज्यादा असर देखा गया। डिंडोरी में जहां नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं मंडला और उमरिया में भी नदी-नाले उफान पर हैं। पुल-पुलियों में पानी आ जाने की वजह से कई मार्ग अवरुद्ध रहे। बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, दमोह व सागर में भी रुक-रुक कर बारिश का दौर चलता रहा। नगरों में जहां पानी के भराव की समस्या के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। वहीं ग्रामों में बारिश को धान की फसल के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है।
डिंडौरी : जिले के ग्रामीण अंचलों सहित करंजिया, गोरखपुर क्षेत्र में सिवनी व बजाग में चकरार नदी पर उफान में रहने से 11 बजे तक नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर रहा। लगभग 5 साल बाद जोगी टिकरिया पुल में लगी रैलिंग के ऊपर से नर्मदा का पानी बहता रहा। जबलपुर-अमरकंटक मार्ग लगभग 8 घण्टे तक बंद रहा। बजाग क्षेत्र में बारिश से रायपुर मार्ग, किसलपुरी में चकरार के उफान से मंडला और शहडोल मार्ग भी बंद रहा।
कटनी: खितौली का चंदिया व उमरिया से सम्पर्क टूट गया। बेलकुंड के उफान से उमरियापान से कई गांवों का सम्पर्क टूट गया ।
दमोह,सागर – दमोह के साथ सागर में भी दो दिन से अच्छी बारिश हो रही है। हालांकि बीना, देवरी और मालथौन क्षेत्रों में नदी, नाले उफान पर है। देवरी की सुखचैन एवं झुनकू नदी इस मौसम में पहली बार बाढ़ आई है।

सतना: जिला मुख्यालय में विगत 18 घंटे के दौरान लगभग ढाई इंच झमाझम बरसात से चौतरफा सैलाब है। मौसम महकमे के मुताबिक यहां अकेले अगस्त माह में अब तक 440 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है,जो औसत बारिश से 68 फीसदी ज्यादा है। इसी तरह संपूर्ण जिले में अब तक 940 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है।
रीवा : पानी की आवक बढऩे पर मंगलवार को बाणसागर के और 8 गेट खोल दिये गए। बीती रात पानी की मात्रा बढऩे पर मंगलवार को बांध के और गेट खोलने पड़े। मौजूदा समय में बाणसागर के 14 गेट डेढ़-डेढ़ मीटर की ऊंचाई तक खुले हैं। जिससे तीन हजार क्यूमेक्स पानी सोन नदी में बहाया जा रहा है।
