
शिवराज के ‘देशद्रोही’ बयान पर गरमाई सियासत, 26 को गिरफ्तारी देंगे दिग्विजय

भोपाल| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ‘देशद्रोही’ बताने वाले बयान पर बवाल मच गया है| चुनाव से पहले सीएम द्वारा एक पूर्व सीएम के लिए की गई बयानबाजी से राजनीति गरमा गई है| इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांगी मांगने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज भोपाल में शिवराज का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया| वहीं दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज को एक तीखा पत्र लिखकर ‘देशद्रोही’ होने के सबूत सार्वजानिक करने और उन पर मुकदमा दायर करने की मांग की है| साथ ही उन्होंने कहा है अगर आपके पास मुझ पर आरोप लगाने के कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है तो सार्वजानिक माफ़ी मांगे| दिग्विजय ने कहा है कि वो स्वयं 26 जुलाई को अपनी गिरफ्तारी देने टीटी नगर पुलिस थाने भी जाएंगे और खुद को कानून के सुप्रद करेंगे|
सीएम को लिखे पत्र में दिग्विजय ने यह भी कहा इस दौरान आप अपने प्रशासन को मेरे विरुद्ध ‘देशद्रोह’ के सभी प्रमाण उपलब्ध करवा दें, ताकि मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तारी करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आये| अपने पत्र में दिग्विजय ने कहा मुख्यमंत्री का कर्तव्य कोरी बयानबाजी करना नहीं बल्कि कर्त्तव्य का पालन करना भी है| उन्होंने कहा मुझे राजनीति में 47 साल हो गए हैं, मुझे जनता का भरपूर प्यार मिला है, जिसके कारण में राघौगढ़ की नगरपालिका का अध्यक्ष रहा, विधायक रहा, मप्र मंत्रिमंडल का सदस्य रहा, लोकसभा का सदस्य रहा, मप्र का मुख्यमंत्री रहा और अब राज्य सभा का सदस्य हूँ| यह सब संवैधानिक पद हैं| मैंने संविधान की शपथ लेकर, नियम कानून के अंतर्गत रहते हुए जिम्मेदारी से अपने दायित्वों का पालन किया है| वहीं यह सच है कि झूठे प्रचार में माहिर भाजपा ने मुझ पर कई बार अर्नगल आरोप लगाए, लेकिन पंद्रह साल की कोशिश के बावजूद आज तक आप कुछ सिद्ध नहीं कर पाए, क्यों सच यही है कि झूठ के पाँव नहीं होते हैं|

दरअसल, जन आशीर्वाद यात्रा के दूसरे चरण में सतना जिले के दौरे पर सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि दिग्गी कुंठित हैं और कई बार देशद्रोही लगते हैं। जिन्हें देश, समाज, संस्कृति से कोई लेना देना नही है। ऐसे लोगों को हम धिक्कारते हैं। शिवराज सिंह ने कहा, ये ऐसे शख्स हैं अगर किसी आंतकवादी को पुलिस मार दे तो ये आतंकवादी के घर जाते हैं। जी कहकर संबोधित करते हैं आतंकवादी को।
