

मामला समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ का…
अनूपपुर/
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ वैसे भी समाचार पत्रों की शुर्खियो में छाया रहता है, फिर भी अधिकारी इतने निडर हो चले कि मानो इन्हें डर ही नही की कार्यवाही हो सकती है। ऐसा ही आलम चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब जनता को प्रशाशन के ऊपर से विश्वास उठ जाएगा, डॉ टीआर चौरसिया पूर्व बीएमओ जब इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीएमओ का कार्यभार जब तक संभाला ऐसी स्थित कभी देखने को नही मिली पर जब से अमरकंटक से आये एस.के. सिंह ने बीएमओ का दायित्व संभाला तब से व्यवस्था पर सेंधमारी शुरू हो चुकी पुष्पराजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र से लेकर सम्पूर्ण पुष्पराजगढ़ के समस्त कार्यो को अगर जमीनी स्तर पर देखा जाय तो जिस कदर पैसों को बंदरबाट किया है जांच होने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।

पैसों को दुरपयोग और विकास कोसो दुर
विगत कुछ वर्षों पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ से बच्चा चोरी होने का मामला प्रकाश में आया जो बेहद ही शर्मनाक मामला था, फिर कुछ महीनों पूर्व अस्पताल परिसर में कुत्तों और गायो को मरीजो कर बिस्तर के समीप देखा गया क्या मरीजो के नाम से आया दूध कुत्तो को दे कर अस्पताल प्रबंधन चौकीदारी करा रहा हैं ऐसा वाक्या बीएमओ एस के सिंह के कार्यकाल में देखने को मिल रहा है।
मोटर मालिक को पैसे का भुगतान नही और मोटर मालिक सड़क पर
क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ के मुखिया बीएमओ एस के सिंह ने किसी भी कार्यक्रम होने से पूर्व उपरोक्त गाड़ी मालिक से गाड़ी विभाग में लगाने के लिए कितनी दूरी के हिसाब से किराया तय किया किस रेट में गाड़ी लगाओगे बात करी अन्यथा नही अगर बात डेली वेज पर हुई तो बीच में डिब्बा कहां से आ गया अगर पेमेंट डिब्बा का करना है तो डेली वेज पर गाड़ियां क्यों लगाई गई किसी भी कार्य को करने से पूर्व उक्त कार्य को जिम्मेदारी से निभाने के लिए पहले बात की जाती है साहब फिर कार्य कराया जाना उचित होता हैं लगभग 5 वर्षों से ऊपर चली आ रही डेली वेज की गाड़ियां कार्य पूरा होने के उपरांत डिब्बे के हिसाब से पेमेंट करने का दे दिया जा रहा हवाला इसका जिम्मेदार कौन….उपरोक्त गाड़ी मालिक या बी ओ एस के सिंह जवाब तो देना होगा…..
5 वर्षो से निरंतर चली आ रही गाड़ियों को सड़ने के काबिल बनाने का जिम्मेदार कौन….
सामुदायिक स्वास्थ पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2011-12 से लगी गाड़ियों को एक ही झटके में सिर्फ यह कह कर निकाल दिया गया चिट्ठी लिखते हो अब चिट्ठी ही लिख लो नहीं ले जाएंगे तुम लोग गाड़ियां अब अगर किसी का पैसा नहीं दोगे वह चिट्ठी लिखना इतना बड़ा गुनाह बन जाएगा यह उपरोक्त गाड़ी मालिक ने कभी सोचा भी नहीं था अन्यथा चिट्ठी नहीं लिखता चुपचाप दवे गाड़ी चलाते रहता माह फरवरी में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया जिसमें उपरोक्त मोटर मालिक की गाड़ी एक दिवस के लिए डेलीवेज के हिसाब से लिया गया दूसरे दिन उसकी गाड़ी यह कहकर नही लगाई गई और ले जाने से इंकार कर दी जाती है कि तुमने चिट्ठी लिख दिया और उक्त गाड़ी के स्थान पर दूसरी गाड़ी को ले जाया जाए क्या यह उचित निर्णय था अगर उचित ही निर्णय लेना था तो गाड़ी मालिक को उपरोक्त दिवस का पैसा और पूर्व का पैसा तत्काल देकर उपरोक्त गाड़ी को ले जाने से इनकार किया जा सकता था जो उचित निर्णय प्रतीत होता पर ऐसा ना करके विभाग के मुखिया होने के नाते बीएमओ एस के सिंह ने गाड़ी मालिक को सड़क पर आने को मजबूर कर दिया पूरे लाक डाउन पर गाड़ी मालिक ने किस तरह अपने परिवार का भरण पोषण किया होगा यह तो ऊपर वाला भगवान ही जाने उच्च अधिकारियों से गाड़ी मालिक ने अपील करते हुए निवेदन किया है कि पूर्व में रुका हुआ पैसा गाड़ी मालिक को दिलाया जाए जिससे उपरोक्त गाड़ी मालिक अपना जीवन निर्वहन करने तथा अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
जमकर फर्जीवाड़ा की स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ में
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ में बिलों के नाम पर फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं किसी भी कार्य के नाम पर फर्जी बिल भुगतान हो जाता हैं हर कार्यक्रम को ठेंगा दिखाते हु कार्यक्रम के नाम से लगाए जाते हैं फर्जी बिल जिसका जमीनी स्तर पर आकर मूल्यांकन और भौतिक सत्यापन करना होगा तब जाकर पुष्पराजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पोल खुल सकेगी और भ्रष्टाचार उजागर हो सकेगा अन्यथा शासकीय राशि का दुरुपयोग निरंतर जारी रहेगा भ्रष्टाचार में सनलिप्त अधिकारियों को सबक जब तक नहीं मिलेगा तब तक यह अधिकारी पैसों का दुरुपयोग कर शासकीय राशि का दुरुपयोग करते रहेंगे।
इनका कहना है
