
जल संसाधन विभाग की 3 करोड 11 लाख की नहर छतिग्रस्त, टूटी नहर से कैसे पहुंचे खेतों में पानी किसान परेशान{रमेश तिवारी की रिपोर्ट}

टूटी नहर से कैसे पहुंचे खेतों में पानी किसान परेशान…
जल संसाधन विभाग की 3 करोड 11 लाख की नहर छतिग्रस्त 10 किलोमीटर ही हुआ निर्माण…
चार साल से बन रही नहर आज भी अधूरी…

पुष्पराजगढ़/ जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत पोडकी में स्थित जोहिला जलाशय में जल संसाधन विभाग द्वारा 3 करोख 11लाख रुपए की लागत से नहर निर्माण कराया जा रहा है। नहर निर्माण की समय अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है बावजूद इसके कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हो पाया है ।22 किलोमीटर लंबी नहर में से महज 10 किलोमीटर ही नहर निर्माण हो पाया है। मुख्य नहर और लिंक नहर का कार्य अपूर्ण है। जबकि मुख्य एवं लिंक नहर जगह-जगह से टूट गई है जिसके कारण किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
यह है मामला – जल संसाधन विभाग द्वारा पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के ग्राम पोडकी के जोहीला जलाशय में 3 करोड 11 लाख रुपए की लागत से 22 किलोमीटर पक्की नहर का निर्माण कराया जाना है नहर निर्माण कार्य प्रारंभ हुए 4 वर्ष का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक लगभग 10 किलोमीटर ही नहर का निर्माण कार्य कराया गया है जो मुख्य एवं लिंक नहर बनाई गई है वह जगह जगह से टूट कर क्षतिग्रस्त हो गई है नहर निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया है जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा तकनीकी स्वीकृत से हटकर घटिया निर्माण कार्य किए जाने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी का इंतजार पिछले 4 वर्षों से करना पड़ा है।
कार्य पूर्णता पर संशय- वर्ष 2016 में इस नहर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था 2017 निर्माण कार्य पूर्णता की तिथि निर्धारित की गई थी समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर पहले 1 वर्ष फिर 2 वर्ष के लिए कार्य पूर्णता की तिथि बढ़ा दी गई थी। वर्तमान में कार्य पूर्णता नवंबर 2020 तक. नहीं हो पाया है। जबकि 12 किलोमीटर नहर का निर्माण कार्य कराया जाना शेष है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ठेकेदार पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
नहर सफाई के लिए आवंटित की जाती है राशि –
ग्राम पंचायत पोडकी में स्थित जोहिला जलाशय नहर सफाई के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपए की राशि जारी की जाती है इसके बाद भी न तो नहर की सफाई की जाती है और ना तो लीकेज को ठीक किया जाता है । जारी की गई राशि का बंदरबांट कर लीपापोती कर दी जाती है जिसके कारण सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा से किसान आज भी वंचित है।
इन गांवो को मिलना है लाभ – जोहिला जलाशय नहर निर्माण से लगभग 10 ग्रामों की 1500 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना है। पोड़की ग्राम सहित पोडी , हर्रा टोला, किरगाही, लालपुर, भेजरी, नोनघटी ,,और बहपुरी सामिल है। इन ग्रामों में सिंचाई की सुविधा के लिए नहर निर्माण कराया जा रहा है निर्माण के साथ-साथ नहर टूटी भी जा रही है जिसकी गुणवत्ता की परख नहीं होने से निर्माण की पोल खुल रही है यही हाल मुख्य नहर का भी है जगह-जगह से मुख्य नहर में पड़ी दरारों के कारण लीकेज की समस्या बनी हुई है जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से वक्ता की अनदेखी की शिकायतें भी कर चुके हैं।
