
बलात्कारी के बच्चे को जन्म नहीं देगी पीड़िता,हाई कोर्ट जस्टिस ने दी अनुमति

हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने दुष्कर्म पीड़ित एक युवती की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गर्भ गिरवाने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को आदेशित किया है कि आवश्यक कदम उठाते हुए जल्द से जल्द गर्भपात कराएं। पीड़िता को गर्भपात के दौरान और उसके बाद भी पूरी चिकित्सा सुविधा फ्री में उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया है। इसके अलावा भ्रूण को सील बंद लिफाफे में रखकर डीएनए सेंपल व हाईकोर्ट रजिस्ट्री को मेडिकल कॉलेज के डीन की रिपोर्ट सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
ग्वारीघाट निवासी 26 वर्षीय युवती की ओर से दायर याचिका में अधिवक्ता राजेश चंद और आशीष मिश्रा ने कोर्ट को बताया था कि 5 अगस्त 2018 को भरतीपुर निवासी अजीत उर्फ अप्पू सोनकर ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में उसने ग्वारीघाट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पिछले सप्ताह उसने जब डॉक्टर से जांच कराई तो पता चला कि उसे लगभग 10 सप्ताह का गर्भ है।
-याचिका में कहा गया कि वह बलात्कारी के बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती है। इसलिए उसे गर्भपात की इजाजत दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकल पीठ ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को आदेशित किया है कि डॉक्टरों की 3 सदस्यीय टीम से पीड़ित युवती के गर्भ की जांच कराकर 72 घंटे में रिपोर्ट पेश करें। यह रिपोर्ट 29 नवंबर को बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश की गई। जिसके आधार पर कोर्ट ने शुक्रवार को पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी।
