
अवैध उत्खनन वा परिवहन पर प्रशासन की मूक सहमति (जैतहरी से हेतराम वर्मा की रिपोर्ट )

वेंकटनगरः- मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य सीमा पर स्थित अनूपपुर जिले के वेंकटनगर ग्राम के आस पास अवैध रुप से रेत की चोरी कर बेचने का मामला सामने आया है जिसमे रेलवे के ठेकेदार और अवैध कार्यो मे लिप्त अपराधिक तत्व मिली भगत कर शासन को लाखो का चूना लगा रहे है देखा गया हैै कि आलान वा तिपान नदी से सारी रात रेत चोरी कर ले जाया जा रहा है जिसका भंडारण रेलवे ठेकेदार के द्वारा रेलवे की जमीन पर कराया जाता है जिन वाहनो से परिवहन किया जाता है उन वाहनो के कागजात तक नही रहते राॅयल्टी की बात करना बेमानी होगी जबकि निकट ही आरटीओ का नाका लगा हुआ है जिस पर भी किसी प्रकार की कार्यवाही का ना होना पदस्थ कर्मचारियो की नियत पर सवाल खड़ा करती है ।
…..पुलिस प्रशासन भी है साथ ?
चूंकि यह चौकी दो राज्यो की सीमा के पास बनी हुई है ऐसे मे दोनो राज्य से परिवहन कर आने वाले वाहनो की निगरानी का दायित्व चौकी मे पदस्थ पुलिस कर्मियो के अधीन रहता है और ऐसे मे अवैध रेत परिवहन उत्खनन पर ध्यान न देना कही अपनी हिस्सेदारी लेकर अनदेखी करना तो नही ? पुलिस कर्मियो पर ठेकेदारो को अभयदान देने वा अवैध कार्यो पर संलिप्त लोगो से कमीसन लेने के आरोप लगते रहते है सूत्रो की माने तो यहां अवैध मैखाने संचालित है जहां मनपसंद शराब वा नशे की अन्य सामग्री आसानी से मिल जाती है पुलिस के सहयोग के बिना ऐसे अवैध कार्यो का संचालन कैसे हो सकता है ? साथ ही पुलिस कर्मी बड़ी गाड़ियो से समझौता शुल्क काटकर कार्यवाही करने की खानापूर्ती कर लेते है और खुद अपनी पीठ थपथपा लेते है और आला अधिकारियो से सराहना भी बटोर लेते है।

पैसा बोलता है………
अवैध कार्यो का आलम ही ऐसा है कि बिना पैसे ऐसे कार्य नही किये जा सकते अवैध कार्यो के संचालित कर्ता के पैसे बोलते है जिसकी गूंज से शासन प्रशासन बौना साबित हो जाता है कहने को तो इस चौकी पर इन्ट्री लेना पूर्णतः प्रतिबंधित है जिससे जेब की गर्मी पर आंच और कार्यवाही ना कर पाने की लाचारी इसके विकल्प को जन्म देती है जिसे समझौता शुल्क नाम दिया गया है यह समझौता शुल्क कटाकर बेखौफ रेत का उत्खनन परिवहन भंडारण करना आलिखित वैध हो जाता है खानापूर्ति के लिये छोटी मछली है ही बड़े ठेकेदारो पर कार्यवाही नही की जाती कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि वेंकटनगर मे पैसा बोलता है …….
