
अमरकंटक मे अवैध वसूली का अड्डा बना पार्किंग स्थल ( वीरू तम्बोली की रिपोर्ट )

पवित्र नगरी अमरकंटक के कपिल धारा पार्किंग बना रहा हमेशा विवादित फिर भी प्रशासन कार्यवाही करने से कर रहा परहेज
पवित्र नगरी अमरकंटक मे जहा लगातार अवैध वसूली के नाम पर श्रद्धालु भक्तो को लूटने का अड्डा मात्र कपिल धारा पार्किंग बन कर रह गया है। जिस पर न शासन प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है, जबकि लगातार इस पार्किंग की शिकायत नगर परिषद अधिकारी को दी जा चूकी है, फिर भी आज दिनांक तक कोई कार्रवाई का नही होना नगरपरिषद पर सवालिया निसान लगाते है। कहीं नगर परिषद अधिकारी और कपिल धारा के ठेकेदार के मिलीभगत तो नही ? जिससे इस अवैध वसूली को अंजाम दिया जा रहा है ? पार्किंग का निर्धारित शुल्क मात्र 20 रूपये निर्धारित किया गया है लेकिन 20 रूपये की जगह पर 100 ,50 रूपये वसूले जाते है वो भी बदतमीजी के साथ अगर इनसे नगर भ्रमण करने आये श्रद्धालू निर्धारित शुल्क से ज्यादा पैसे लिये जाने की बात करते है तब ये ठेकेदार बहस बाजी कर मारपीट पर आतुर हो जाते है। कपिल धारा पार्किंग स्थल मे दो दो बेरियल लगाकर अवैध वसूली की जा रही है, जो अपने चरम सीमा पर है। एक तरफ नगर परिषद अमरकंटक द्वारा शक्त आदेश जारी किया गया है कि पार्किंग पर बेरियल लगाकर पैसा वसूली नही किया जाना है वहीं दूसरी तरफ आदेश को धता बताते हुये खुले आम सारे नियमो को ताक मे रखकर आदेश के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है जिसमे कार्यवाही का ना होना समझ के परे है। ठेकेदार द्वारा शासन प्रशासन को खूला चैलेंज देते हुए कपिल धारा के वाटर फाल तक गाडियो को प्रवेश दिया जाता है और अवैध वसूली को अंजाम दिया जाता है। जबकी आदेश यह भी है कि गाड़ियों को वाटर फाल तक प्रवेश नही दिया जायेगा।

नगर परिषद् की दोहरी नीति
कोटी तीर्थ अमरकंटक पार्किग स्थल लगातार विवादो मे रहने के कारण नगर परिषद अधिकारी के द्वारा ठेका निरस्त कर दिया गया लेकिन उसी परिस्थिति का कपिल धारा पार्किंग स्थल भी है। तब आखिर वहां का ठेका निरस्त क्यों नही किया जा रहा है ? श्रद्धालु भक्तो की संख्या आज पवित्र नगरी अमरकंटक मे घटते जा रही है। यहाँ कभी श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती थी, वहीं अब श्रद्धालुओं संख्या मे कमी आ रही है । जिसमे प्रशासन का मनमानी रवैया भी जिम्मेवार है। लोगो की श्रद्धा का केन्द्र त्रिकुट पर्वत पर विराजित माता त्रिकुटा की उद्गम स्थली आज श्रद्धालुओं की कमी से जूझ रही है। जिससे अमरकंटक पर निवासरत लोग जो पर्यटकों पर आश्रित अपना जीवन यापन करते आ रहे है, उन पर भी कहीं रोजी रोटी का संकट ना आ खड़ा हो नगरपरिषद को अपने मापदण्ड तय करने चाहिये और नियमानुसार कार्यवाही करने से गुरहेज नही करना चाहिये लेकिन कपिलधारा पार्किंग स्थल पर कार्यवाही न करना नगरपरिषद प्रशासन पर दोहरा चरित्र उजागर करती है।
एक माह पूर्व की जा चुकी है जांच कार्यवाही अधर मे लटकी
स्थानीय लोगो ने बताया कि तकरीबन एक माह पूर्व पुष्पराजगढ़ तहसीलदार पंकजनयन तिवारी द्वारा टीमगठित कर जांच की गई थी जिसमे पंचनामा तैयार कर किया गया था। उसमे कथन, फोटो, गलत रसीद की प्रतियां आदि के आधार पर उक्त पार्किग स्थल के ठेकेदार को गलत पाया गया था। और जांच प्रतिवेदन पुष्पराजगढ़ एसडीएम बालागुरु के. को देने की बात कही गई थी। इतना सब होने के बावजूद कार्यवाही का ना होना समझ के परे है।
इनका कहना है
ठेकेदार को ठेका निविदा के रुप मे प्राप्त हुआ है और यह ठेका पूर्णतः वैध है वर्तमान की कोई भी रसीद तय शुल्क से ज्यादा की हमे दिखाई जाती है तब कार्यवाही अवश्य की जायेगी।
सीएमओ
नगरपरिषद अमरकंटक
सुरेन्द्र उइके
