
सड़क निर्माण में ग्रावर कंपनी की भारी लापरवाही

मंत्रालय और इंडियन रोड कांग्रेस के तोड़े कायदे
मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से ग्रावर कंस्ट्रक्शन कंपनी 50 करोड़ रूपये में 22 किलोमीटर की सीसी सड़क का निर्माण कर रही है, लेकिन कंपनी और उसके कारिंदो ने निर्माण में तकनीकि स्वीकृति और प्राकलन की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, गुणवत्ता विहीन कार्य के साथ मापदण्डों का पालन नहीं किया जा रहा है, वहीं एमपीआरडीसी के अधिकारी भी निर्माण कार्य की खामियों को जांचने के बजाय कथित कंपनी को खुला संरक्षण दे रखा है, नतीजा सबको आने वाले समय में भुगतना पड़ सकता है, बताया गया है कि अगर जांच हुई तो बेस में मिट्टी का जो खेल-खेला गया है वह सामने आ जायेगा और कंपनी के साथ सड़क विकास निगम के अधिकारी की पोल भी खुल सकती है।
मेरी मर्जी का निर्माण

कंपनी के द्वारा किये जा रहे 22 किलोमीटर के निर्माण कार्य को देखा जाये तो प्राकलन और अनुबंध की शर्तों का पालन न करते हुए एमपीआरडीसी से मिले अभयदान के चलते कथित कंपनी ने अपनी मर्जी की तर्ज पर सड़क का घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है, साथ ही मार्ग पर बन रहे कल्वर्ट और पुलों की गुणवत्ता में भी अनदेखी की जा रही है, इतना ही नहीं हो रहे निर्माण कार्य के चलते मार्ग से गुजरने वाले लोगों को धूल के गुब्बारों का भी सामना करना पड़ रहा है और प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है, निर्माण के दौरान उडने वाली धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
मिट्टी का हो रहा खेल
सड़क निर्माण में मिट्टी का इस्तेमाल बेस में अधिक किया जा रहा है, जबकि प्राकलन में निर्धारित मापदण्डों का पालन कर मजबूत सड़क बनाने निर्माण की शर्तें रखी गई है, लेकिन 22 किलोमीटर के इस नवनिर्मित मार्ग को अगर देखा जाये तो बेस में मुरूम के स्थान पर मिट्टी का ही इस्तेमाल किया गया है, वहीं नियमों के मुताबिक सीसी सड़क निर्माण के लिए पॉलीथिन बिछाया जाना अनिवार्य है, लेकिन पूरे मार्ग में कहीं पर भी इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है, जो कि पूरे निर्माण कार्य को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
सुरक्षा की अनदेखी
सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग मंत्रालय और इंडियन रोड कांग्रेस के द्वारा जारी गाईड लाईन का भी उल्लंघन कर सड़क निर्माण किया जा रहा है, निर्माण कार्य में सुरक्षा सांकेतकों को भी दरकिनार किया गया है, जिससे हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है, निर्माण के दौरान परिवर्तित किये गये मार्गो और कल्वर्ट के अलावा पुलियों निर्माण स्थल पर सुरक्षा सांकेतक नहीं लगाये गये हैं, जिससे राहगीर हादसों के शिकार हो रहे हैं। रात को इस मार्ग पर अंधेरा रहने के चलते हादसों की संभावना बढ़ती जा रही है। अनुबंध की शर्तों और गाइड लाईन के मुताबिक निर्माण कार्य शुरू होने से समाप्त होने तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना अनिवार्य है, लेकिन गावर कंस्ट्रक्शन ने इन नियमों का भी पालन करना मुनासिब नहीं समझा।
इनका कहना है…
अभी मैं बाहर हूँ लौटकर आकर देखता हूँ। अगर नियमों का उल्लंघन पाया जायेगा तो ठेकेदार को नोटिस देकर सुधार करने के लिए निर्देशित किया जायेगा।
अजय सिंह
आर.ई., एमपीआरडीसी, शहडोल
