
खुलेआम बिक रही गांवों में विदेशी मदिरा ( आशुतोष सिंह की रिपोर्ट )

मुख्यालय में कच्ची शराब की जद में युवावर्ग
कटघरे में आबकारी सहित पुलिस की कार्यप्रणाली
पैकारी के माध्यम से शहर में अवैध शराब की बिकवाली ने पैर पसार लिया है, प्रशासनिक अभियान के नाम पर कुछ दिनो शांत यह शराब विक्रेता फिर अपने ठिकाने बैखौफ होकर संचालित कर लेते है। इस अवैध बिक्री से समाज को खोखला करने का काम कारोबारी सुचारू रूप से कर रहे है। क्षेत्र में शराब के कारण दिनों-दिन अपराधों में वृद्धि देखी गई है। साथ ही आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने से भोला-भाला युवा वर्ग भी शराब के लत में जकड़ता जा रहा है।
जिले के करीब 80 फीसदी गांवों में शराब ठेकेदारो द्वारा अवैध रूप से बिना रोक-टोक शराब बेची जा रही है। गांवों की स्थिति यह है कि गांव वालों को पानी की तलाश में मीलों भटकना पड़ता है पर मदिरा प्रेमी को गांव में ही बिना मशक्कत किये शराब उपलब्ध हो जाती है। अवैध रूप से एक लाइसेंस पर गांव-गांव में पैकारी संचालित की जा रही है। शराब बेचने वालो ने गांवों का माहौल पूरी तरह से दूषित कर रखा है, वहीं बेरोकटोक शराब दुकान का शटर हमेशा खुला ही रहता है। वर्तमान शराब ठेकेदारो ने अपनी जड़ मजबूत कर ली है, आबकारी विभाग के सुस्त व लुंज पुंज होने की वजह से शराब ठेकेदार आस-पास के क्षेत्रों में पैकारी कराने में व्यस्त हैं। और विभाग कुम्भकर्णी निद्रा मे मस्त है।
जिम्मेदारों की अनदेखी

गांवों में अवैध शराब के कारण दिनों दिन अपराधों में वृद्धि हो रही है, दो दिन पूर्व अनूपपुर पुरानी बस्ती के रहवासी महिला ने शराब के नशे मे आकर अपने ही पति की हत्या कर दी थी। आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने से भोले-भाले ग्रामीण शराब की लत में जकड़ते जा रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां अवैध रूप से शराब नहीं बेची जा रही है। ऐसा नहीं कि पुलिस इस कारोबार से अंजान हो, बल्कि सारी जानकारियां होते हुए भी मोटे सुविधा शुल्क के एवज में इस कारोबार को अनदेखा कर दिया जा रहा है।
बढ़ रहा अवैध कारोबार
पुलिस की मिलीभगत से गांवों में चल रही अवैध शराब की बिक्री से कस्बों एवं छोटे-छोटे गांवों का माहौल दूषित हो रहा है। अवैध रूप से बेची जा रही शराब फसाद, लड़ाई, झगड़ों की जड़ बन चुकी हैं, वहीं अवैध पैकारियों के चलते नशे का कारोबार बढ़ रहा है। युवाओ सहित बड़े बुजुर्ग तक नशे की लत मे पड़कर घरो मे कलहपूर्ण स्थिति निर्मित कर रहे हैं।
आधी रात मिलती शराब
दुकानदार समय के बाद अलग कमरों से शराब बेच रहे हैं, इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो ये अवैध कारोबारी बेबाकी से बोल भी रहे हैं कि गोरखधंधे की मोटी कमाई का हिस्सा अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है, जानकारों का कहना है कि जिला मुख्यालय के कई ढाबों और होटलों में आधी रात को आसानी से शराब मिल रही है। बिक्री का समय तय होने के बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सरकार को जहां एक ओर राजस्व की हानि हो रही है, तो वहीं शराब माफिया को भी शह मिल रही है। शराब पिलाने होटलों में बनाए स्पेशल कमरे मे देर रात मनमाफिक समय पर शराब परोसी जाती है। देर रात शराब के शौकीनों को भरोसा दिलाया जाता है कि पुलिस कार्रवाई नहीं होगी। हमारी सेटिंग है आप बेखौफ शराब का लुत्फ उठाये।
कच्ची शराब ने भी बिगाड़ा शहर का माहौल
मुख्यालय के बस्ती रोड में बिक रही अवैध कच्ची शराब समाज में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह् लगा रही है। बस्ती के वार्डों की गली-गली खुलेआम हो रही अवैध शराब की बिक्री से जहां क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है, वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की आदी होती जा रही है। जिससे दर्जनों ऐसे परिवार है, जो उजडने की कगार पर पंहुच चुके हैं। ऐसा भी नहीं है कि अवैध शराब के कारोबार की जानकारी आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को न हो, किन्तु जानकारी के बाबजूद भी अवैध शराब की बिक्री पर लगाम न लगने से आबकारी और पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में खड़ी होती दिखाई दे रही है।
