
..तो क्या “आजाद” अब भारत के नागरिक नही ?

बड़ा आश्चर्य होता है यह जानकर कि उनका नाम बोटर लिस्ट से काट दिया गया…….. ! पूछे जाने पर सफाई दी जाती है, भूल वश….
अरे ये भूल वर्तमान या पूर्व विधायक के नामो के साथ कभी नही होती……?
ये भूल प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ नही होती……?
आरे आलस और मन्द बुद्धि से बाहर आइये, मुर्गिचोर जैसी बचकाना हरकत मत कीजिये…….कभी तो विवेक का स्तेमाल करो…. या हमेशा हराम की रोटी ही तोड़ोगे…..? और जनता की गाढ़ी कमाई को हराम की मोटी तनखाव की मलाई ही मान कर खाते रहोगे…..?
तुम यदि साजिस भी कर रहे हो तो शर्म करो वो तुम्हारे करनी, कथन, का आईना है, वो आजाद है आजाद ही रहेगा तुम्हारी कर्तव्य परायणता पर उंगली उठाता है उठाता ही रहेगा।
एक आजाद ने आजादी दिलवाई है एक आजाद आईना दिखाता है। ये देश है अजादों का……
ये देश है आजाद…..
तुमने अपनी कथाकथित जानकारी वाली औकात दिखाई है तुम्हारे नाम काटने वाली कायराना हरकत उन्हें देश की नागरिकता से बाहर नही कर सकती। अपनी गलती का एहसास कर जल्द गलती सुधार लो वरना……..
“”” कलम के सिपाही सियासत की कुर्सी पर तांडव करना जानते है…….सच्चाई पर चमचा गिरी की ओढ़ी गई इस चादर को कफ़न लिखना जानते हैं।।””””
वैसे भी उन्होंने सोसल मीडिया के माध्यम से आगाह कर दिया है…..
‘‘सियासत के तलघरों में बैठे कुछ गिद्धों के चोंच के इशारों पर नाचने वाले जिले के प्रशासनिक नुमाईंदों ने आज मेरे मौलिक अधिकारों का हनन कर दिया! आप मेरे अधिकारों का हनन जरूर कर सकतें हैं, अपितु मेरे कलम की धार अपने सत्ता के अनुकूल कभी नही कर पाएंगे। अनूपपुर न.पा.चुनाव सम्पन्नता के लिए जो-जो जरूरी है, उस पर अभिषिक्त रहिये व साथ ही जब तुम जिले के शाहबानों ने मेरा वध कर ही दिया है, तो मेरा मृत्यु प्रमाण-पत्र भी मेरे गृह निवास पर पहुँचा दीजिये! ताकि मैं मड़वा सकूँ ?
