

हुआ बडा हादसा पुलिस पहुँची मौके पर
इन्ट्रो- बुधवार की शाम बन्द पडी ओसीएम खदान से कोयला निकलते समय बड़े हादसे के शिकार मे एक युवक की जान चली गई युवक कोयले से भरी बोरी लेकर उपर की ओर आ रहा था तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और पैर फिसला जिससे युवक बोरी समेत नीचे की ओर फिसलते हुए गिर गया और मौके पर ही युवक की मौत हो गई।
लक्ष्मण तिवारी पिता गिरजा प्रसाद तिवारी उम्र 30 वर्ष निवासी जमुना कालरी क्षेत्र बंद पड़ी कोयला खदान से कोयला निकालते समय अकाल ही काल के गाल मे समा गया थाने से प्राप्त जानकारी अनुसार लक्ष्मण तिवारी की मृत्यु मौके पर ही हो गई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मृतक प्रतिदिन कोयला निकालने का कार्य किया करता था घटना स्थल पर थाना क्षेत्र भालूमाडा की पुलिस पहुंची और मृतक लक्ष्मण के शव को बाहर निकला गया। पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है जमुना कोतमा क्षेत्र मे सीएचपी और ओसीएम की खदाने ग्राम पंचायत हरद से लगी हुई है अब इन खदानों को बंद कर दिया गया है किन्तु इन खदानों से कोयले का अवैध खनन जोरों से जारी है। इस गोरख धंधे से कोल माफिया मालामाल हो रहे हैं वहीं सरकारी खजाने पर लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अवैध खनन को रोक पाने में खनिज विभाग एवं स्थानीय प्रशासन पूरी तरह नाकामयाब साबित हो रहा है। बताया जाता है कि प्रतिदिन सैकडों मीट्रिक टन कोयले की निकासी की जाती है। बंद खदानों में चट्टान के नीचे सुरंग बनाकर तथा कूपनुमा गढा खोदकर कोयला निकला जाता है। जिस कारण खदान बने गड्ढे में कभी भी जान माल की क्षति हो सकती है। हालांकि समय पर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस अभियान चलाती रही है। मगर आजतक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से बिना डर-भय के यह कार्य धड़ल्ले से संचालित है। कालरी प्रबंधन द्वारा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है पर यह अवैध करोबारियों के लिये नाकाफी है असलियत मे प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में मजदूर दैखल बंद पडी खदान तथा नदिया टोला खदान से सैकड़ो बोरी कोयले का उत्खनन कर औने-पौने दामों में कोयला चोर गिरोह को बेच देते है मजदूरों के लिये यह आजीविका का साधन बना हुआ है।
आये दिन हो रही दुर्घटनाए

पूर्व में भी कई बार दैखल बंद खदान में कोयला चोरी के दौरान मजदूर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं फिर भी यहां चोरी का यह अवैध कारोबार फल फूल रहा है। यदि इन बंद पड़ी खदानों पर जल्द ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तब इसी तरह इसकी कीमत मजदूरों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती रहेगी। बिना सुरक्षा साधनो के मजदूरों द्वारा 50 से 100 फिट गहरे इन अवैध कोयला खदानो में घुसकर कोयले का उत्खनन किया जाता है और यदि किसी दिन चट्टाने दरकी तो मजदूरों की मौत भी इससे हो सकती है।
इस तरह की जा रही है कोयले की चोरी
बता दें कि इस खदान से निकाले गए कोयले को साइकिल व बाइक पर लाद कर दूरदराज के इलाकों में बेचा जाता है। राहगीरों का कहना है कि अवैध कोयले की ढुलाई अब पहले की अपेक्षा बढ़ गई है जिससे सडकों पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। वहीं जानकारों की माने तो इस काले कारोबार में पुलिस प्रशासन से लेकर छुटभइया नेता भी शामिल हैं। यही कारण है कि कोल माफिया धड़ल्ले से कोयले की चोरी कर मालामाल हो रहे हैं।
