

परिवहन आयुक्त के आदेषों की भी अधिकारी को नही परवाह
प्रदेश मे सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन अभी भी कई विभाग के अधिकारियों को भरोसा ही नही हो रहा है इसका जीता जागता उदाहरण अनूपपुर जिले का परिवहन विभाग है। जहां परिवहन कार्यालय परिषर के अन्दर बाकायदे दलाल टेबिल कुर्सी लगाकर आज भी वाहन मालिको व परिवहन संबधी कार्य के लिये पहुंचने वाले लोगो को लूट रहे है जबकि सरकार बदलते ही परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर ने अपने पत्र क्रमांक 158/टीसी/कैम्प/2018 के माध्यम से समस्त संभागीय उप परिवहन आयुक्तों को दिनांक 05.01.2019 मे आदेशित किया था कि कहीं भी कार्यालय परिषर के अन्दर कोई भी टेबिल कुर्सी लगाकर बैठा हुआ नही दिखाई देना चाहिये लेकिन यहां परिवहन अधिकारी आयुक्त से उपर उठकर अपना ही आदेश चला रहे है। यूँ तो अनूपपुर जिले का परिवहन विभाग हमेशा से सुर्खियों मे रहा है चाहे मामला वाहन मालिको के कार्यों के लटकाने का रहा हो या फिर खुले आम फर्राटे से बगैर परमिट की बसों को दौड़ाने का हो मामले तो ऐसे भी सामने आये जिसमे की परिवहन अधिकारी ने नियमों के विरुद्ध जाकर आदेश जारी किये लेकिन वर्तमान मे जिला पहरवहन विभाग परिवहन आयुक्त के आदेशों को धता बताने के मामले मे सुर्खियां बटोरे हुये है। जिससे हर कोई परेशान है। वाहन मालिको द्वारा कई बार शिकायत की गई लेकिन शिकायत की परवाह यहां किसे है।
ढाक के तीन पात यहां आदेश

प्रदेश भर से लगातार वाहन मालिको की दलालो को लेकर शिकायत सामने आने पर कांग्रेस की सरकार ने तय किया कि किसी भी जिले के परिवहन विभाग के कार्यालय परिषर के अन्दर किसी भी प्रकार से कोई भी टेबिल कुर्सी या काउन्टर लगाकर कार्य नही करायेगा कुल मिलाकर उद्देश्य था कि बढ़ी हुई दलााली प्रथा को कम करना सरकार के आदेश के पालन मे आयुक्त परिवहन विभाग के द्वारा समस्त जिला परिवहन अधिकारियो को यह आदेश जारी किया, लेकिन अनूपपुर जिले मे अब तक यह आदेश का पालन ढाक के तीन पात वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
चर्चा मे बने रहने की है आदत
निरीक्षक से जिला परिवहन अधिकरी बने लालता प्रसाद सोनवानी ने अनूपपुर मूे कुर्सी संभालने के बाद से ही वह सब कुछ सुरु कर दिया जिसकी उम्मीद उनसे जिले वासियो को थी क्योकि वह मूलतः अनूपपुर जिले के रहने वाले है और यहां की आवो-हवा और राजनीति से भलीभांति परिचित थे। जिसके बाद वह जो चर्चा मे आये तो हर दूसरे दिन किसी न किसी मामले को सुर्खियां बटोरते रहे है। अपने आपको वह भले ही सीधा सच्चा बताते हो लेकिन जब जांच होगी तो दूध का दूध पानी का पानी सबके सामने आ जायेगा।
आज भी लगे है काउन्टर
जिला परिवहन कार्यालय परिषर के अन्दर खुले आम टेबिल कुर्सी लगाकर दलाल कार्य कराते नजर आ जाते है देखा तो यहां गया है कि अधिकारी खुद दलालो के पास जाकर कार्य कराने को बोलते है इतना ही नही नियम कानून भी सोनवानी जी दलालो से ही पूछते है, फला मामले मे संजय क्या कार्यवाही करनी चाहिये, मिश्रा यह बताओ कि इसमे क्या हो सकता है, परिहार उसे कैसे डील करना है यह सब कुछ यहां आये दिन देखने को मिलता है।
नही लेते सबक
बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिये लगातार प्रदेश के गृहमंत्री के द्वारा किसी भी वाहन के बगैर फिटनेस, परमिट व बीमा के सड़क मे न दौड़ने की बात कही जाती है लेकिन यहां तो सोनवानी जी का ही आदेश चलता है आये दिन विभिन्न प्रकार के बगैर कागजातों के दौड़ रहे वाहन व्यक्तियों के दुर्घटना का शिकार बना रहे है लेकिन जिला परिवहन अधिकारी किसी भी दुर्घटना से सबक लेते नही दिखे। बहरहाल इस मामले मे कांग्रेस के आला नेताओं ने कहा है कि वह गृहमंत्री को इससे अवगत करायेगें। वहीं दूसरी तरफ परिवहन विभाग के जिला अधिकारी लालता प्रसाद सोनवानी से जब उक्त मामले को लेकर दूरभाष से बात करने की कोशिश की गई तो हमेशा की तरह उन्होने फोन उठाना उचित नही समझा।
