

आदर्श ग्राम पंचायत होने के बाद भी उक्त पंचायत मे विकास कार्य ठप्प पड़े हुये है जाने क्या देखकर उक्त पंचायत को आदर्ष ग्राम पंचायत घोषित किया गया था। यहां पदस्थ कर्मचारी विकास कार्य हेतु आवंटित शासकीय राशि की होली खेलने से बाज नही आ रहे ऐसा नही है कि उक्त पंचायत मे चल रहे भ्रष्टाचार की जानकारी जनपद मे तैनात आला अधिकारियों को नही है, ग्रामीण जनों की माने तो समय समय पर जनपद कार्यालय को पत्रों के माध्यम से हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत भी कराया गया है पर कार्यवाही का न होना समझ के परे है।
कागज मे बन गई सड़के धरातल पर उग रही घांस
सरकार द्वारा आदर्श ग्राम पंचायत घोषित किये जाने के बाद अतरिक्त बजट विकास कार्य हेतु उक्त पंचायत को आवंटित किया गया था यह राशि भी बंदर बांट का हिस्सा मात्र बनकर रह गई इतना ही नही 9वें वित्त की राशि से हुये निमार्ण कार्य का आज तक कोई अता पता नही है किन्तु यह राशि पूर्णतः आहरित कर ली गई है और कागज मे इस राशि से सड़क का निर्माण करना बताया गया है वहीं दूसरी तरफ 14 वें वित्त की राशि 3.43 हजार को भी फर्जी बिलो के माध्यम से आहरित कर व्यारा न्यारा कर दिया गया है।

भ्रष्टाचार मे सचिवों की है प्रमुख भूमिका
पूर्व मे तात्कालीन पंचायत मे पदस्थ सचिव मणिराज सिंह के कार्यकाल मे जनपद पंचायत मे शिकायत दर्ज कराई गई थी किन्तु जनपद पंचायत मे पदस्थ अधिकारी आज तक जांच कर कार्यवाही करने से कोताही बरत रहे है वहीं वर्तमान मे पदस्थ सचिव गुलाब साकेत की सेवाभाव और फैलाये गये मायाजाल जनपद मे पदस्थ आला अधिकारियों को खुुश कर देती है और जनपद के आलाअधिकारी उक्त ग्राम पंचायत को भ्रष्टाचार करने के लिये अभय दान दिये बैठे है।
प्राथमिक शाला, आंगनबाड़ी भवन मे भी गोलमाल
आदर्श ग्राम पंचायत जरही के खाल्हे टोला प्राथमिक शाला मे पढ़ने जाने वाले नैनिहाल बच्चों को सड़को के लिये तरसना पड़ रहा है ये भविष्य कहे जाने वाले बच्चे बोल्डर पत्थर की बनी उबड़ खाबड़ सड़क से किसी तरह विद्यालय पहुंचते है अति आवश्यक इस मार्ग की राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी भवन आज दिनांक तक पूर्ण रुप से आकार नही ले सका है इस अधूरे बने भवन मे नैनिहाल बच्चे आते है किन्तु इनके आने की व्यवस्था भी ठीक उसी तरह है जैसे की प्राथमिक शाला की यानी कि आंगनबाड़ी भवन तक भी पहुंच मार्ग नही बना है।
आखिर कैसा आदर्श ग्राम पंचायत
जिस ग्राम पंचायत मे वित्तीय अनियमितताओ का बोलबाला हो पूर्ण ग्राम पंचायत मे बिजली नही पहुंची हो, आंगनबाड़ी भवन अधूरा हो, पानी की विकराल समस्या, स्कूलों आदि तक पहुंच मार्ग का न होना, खेल मैदान की अनुपस्थिति, विकास कार्यों का बाधित होना इन सब कमियों के बावजूद यह कैसा आदर्श ग्राम पंचायत है और तो और आदर्श ग्राम पंचायत घोषित होते ही उक्त ग्राम पंचायत को 20 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई थी जिसे सार्वजनिक हितार्थ कार्य मे अवस्यकता अनुसार खर्च किया जाना बताया गया था किन्तु यह राशि भी बंदर बांट की होली का खेल बनकर रह गई है यदि गंभीरता से उक्त पंचायत की जांच कराई जाये तब सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, इंजीनियर के साथ जनपद के आला अधिकारी भी कटघरे मे खड़े दिखाई देगे।
इनका कहना है
जल्द ही इस मामले पर जांच की जायेगी दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी।
जागृत सिंह
पंचायत इंस्पेक्टर जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़
