

पुष्पराजगढ़-
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लखौरा के सचिव दिनेश बनवासी द्वारा पंच सरपंच को दिगभमित कर अपनी पत्नी सुनीता बनवासी के नाम से फर्जी फर्म बनाकर लाखो रूपये का आहरण कर चैदवें वित्त की राशि का गबन करने का मामला प्रकाष में आया है।
ग्राम पंचायत जीलगं एंव लखौरा के निवासियों के अनुसार पदस्थ सचिव दिनेश बनवासी अपनी पत्नी सुनीता बनवासी के नाम से वर्षो से शासकीय राशि का अनियमितता पूर्ण भुगतान कर रहे है जबकि सुनीता बनवासी के नाम से किसी प्रकार फर्म का न होना प्रमाणित हो चुका है सिर्फ कागजों में फर्म बनाकर षासकीय राषि का गबन निरन्तर किया जाता रहा है जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ सहित जिला जनपद पंचायत अनुपपुर में पदस्थ अधिकारियों के आखों में धूल झोंक कर उक्त पंचायतों में पदस्थ दिनेष बनवासी गबन करने में कामयाब रहा है।

पत्नी सुनीता के नाम लखौरा पंचायत में फर्जीवाड़ा
बताया जाता है कि पंचायत संचिव दिनेष बनवासी अपनी पत्नी सुनीता बनवासी के नाम फर्जी फर्म बनाकर ग्राम पंचायत लखौरा के खाता कमांक 2296643132 से पीसीसी सड़क निर्माण के नाम पर चैंदवे वित्त आयोग की राषि का बिल क्रमांक 14 दिनांक 5.9.2017 ईपीओ कमांक-1126985 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग बिल क्रमांक 13 दिनांक 24.6.2017. ईपीओ क्रमांक 1126978 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 01 दिनांक 5.9.2017 ईपीओ क्रमांक 1305875 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 14 दिनांक 24.6.2017 ईपीओ क्रमांक 1126985 भुगतान राषि 50000 ठीक इसी प्रकार उत्सव एंव त्योहार के नाम पर चैंदवे वित्त आयोग की राषि भी सुनीता बनवासी के नाम आहरित की गई जबकि ग्राम पंचायत निवासियों के अनुसार किसी भी प्रकार की उत्सव या त्यौहार पर पंचायत द्वारा राषि प्रदान नही की गई। पुनः धूल झोंकते हुये दिनेष बनवासी ने अपनी पत्नी सुनीता बनवासी के नाम उत्सव एंव त्यौहार पर व्यय चैंदवे वित्त आयोग बिल क्रमांक 79 इपीओ क्रमांक1115055 भुगतान राषि 25000, चैंदवे वित्त आयोग बिल क्रमांक 78 दिनांक 15.6.17 ईपीओ 1115040 भुगतान राषि 25000 चैंदवे वित्त आयोग बिल क्रमांक 04 दिनांक 8.6.2017 ईपीओ क्रमांक 1095306 भुगतान राषि 25000, चैंदवे वित्त आयोग बिल क्रमांक 03 दिनांक 8.6.2017 ईपीओ क्रमांक 1095301 भुगतान राषि 25000 का भुगतान सुनीता बनवासी के नाम बिना अनुसंसा के मनमानी तरीके से किया गया जो कि अपने आप में सोचनीय एंव जांच का विषय है।
पंचायत जीलंग में भी निकली फर्जी राषि
पंचायत संचिव दिनेष बनवासी अपनी पत्नी सुनीता बनवासी के नाम फर्जी फर्म बनाकर ग्राम पंचायत जीलंग के खाता कमांक 2296582767 से पीसीसी सड़क निर्माण के नाम पर चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 02 दिनांक 06.09.2017 ईपीओ क्रमांक 1305938 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 11 दिनांक 24.06.2017 ईपीओ क्रमांक 1126940 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 10 दिनांक 24.06.2017 ईपीओ क्रमांक 1126933 भुगतान राषि 50000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 23 दिनांक 15.06.2017 ईपीओ क्रमांक 1115019 भुगतान राषि 25000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 22 दिनांक 15.06.2017 ईपीओ क्रमांक 1115010 भुगतान राषि 25000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 02 दिनांक 08.05.2017 ईपीओ क्रमांक 1095288 भुगतान राषि 25000, चैंदवे वित्त आयोग का बिल क्रमांक 22 दिनांक 150.05.2017 ईपीओ क्रमांक 1092675 भुगतान राषि 25000, उत्सव त्यौहार के नाम निकाली गई, वहीं यह उल्लेखित है कि उपरोक्त माह में न तो कोई राष्ट्रीय पर्व था ना ही कोई धार्मिक त्यौहार बावजूद राषि निकालना एंव सकांस्प्रद स्थित को जन्म देता है जो जांच का बिन्दु है।
लाखों के गबन की अब तक नही की गई जांच
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में पदस्थ उपयंत्री समेत सभी जिम्मेदार अधिकारी व जनता द्वारा चुने गये अध्यक्ष समेत सभी सदस्य गणों की अकरमन्डता के करण इस तरह के फर्जी आहरण की सूची लगभग हर ग्राम पंचायत में मिल जायेगी किन्तु प्रषासन मौन रूप से अलिखित स्वीकृती पंचायत सचिवो को प्रदान किया हुआ है जिसके कारण सरकारी राषि का गबन होना पुष्पराजगढ़ में आम बात बन कर रह गई है कभी भी जनपद पंचायत द्वारा स्वंय के संज्ञान पर जांच नही की जाती इन परिस्थतियों में पूरी जनपद जांच के घेरे में आती है, सूत्रो की माने तो षिकायत व समाचार प्रकाषन का भी जनपद पंचायत पर कोई प्रभाव नही पड़ता यदि पड़ता तो दिनेष बनवासी जैसे लोग इतनी बड़ी राषि का आसानी से अपनी पत्नी के नाम आहरण नही कर पाते।
दोषियों पर आखिर कब होगी कार्यवाही
पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अन्तर्गत आने वाले 119 पंचायातों मे षायद ही ऐसी कोई पंचायत हो जहां फर्जीवाड़ा न किया गया हो किन्तु जनपद मे बैठे जवाबदार मिली षिकायतों मे जांच करने की जगह लीपापोती करते ही नजर आते है सरकार बदलने के साथ जीरो टाॅलरेन्स की नीति मे कार्य किया जायेगा का आदेष प्रदेष के मुखिया द्वारा दिया गया है उस आदेष को भी दरकिनार कर रख दिया गया है ऐसे मे पुराने भ्रष्टाचार के मामले जो उजागर हो चुके है उन पर ही कार्यवाही होगी ऐसा जनपद प्रषासन की कार्यप्रणाली से होता हुआ नजर नही आ रहा है। मजबूरन कहना पड़ रहा है कि दाषियों पर आखिर कब होगी कार्यवाही ?
