

अनूपपुर।
मौसम संबंधी सामयिक सूचनाओं ने किसानों को दी राहत, उत्पादन को नुकसान से बचा रहे विशेषज्ञों से सीधे बात कर खेती की चुनौतियों को कर रहे वैज्ञानिक विधि से हल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में चल रही किसान मोबाइल संदेश सेवा किसानों को त्वरित संदेश पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हाल ही में मौसम में आए बदलावों को समय पर किसानों तक पहुंचाकर इस सेवा ने कई किसानों के उत्पादन को खराब होने से बचा लिया। यह सेवा मौसम के साथ खेती में बरती जाने वाली विभिन्न सावधानियों के बारे में भी सरल भाषा में संदेश पहुंचाकर किसानों की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मोबाइल संदेश सेवा की लोकप्रियता

किसान मोबाइल संदेश सेवा की लोकप्रियता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष जुलाई में शुरू करने के बाद से अब तक इसमें 11329 किसान जुड़ चुके हैं। यह किसान चार विकासखंडों के 491 गांवों में फैले हुए हैं। किसानों के लिए यह सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। इस सेवा के केंद्र में केवीके के विशेषज्ञ होते हैं जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के देशभर में फैले सेंटर्स और संस्थानों के विशेषज्ञों से बातचीत कर मौसम संबंधी चेतावनियों और भविष्यवाणियों, मौसम के अनुरूप की जा सकने वाली खेती, खेती से पूर्व और बाद में बरती जाने वाली सावधानियां, उत्पादन का बाजार जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां सीधे किसानों तक पहुंचाते हैं।
संदेश में ये बाते रहती हैं प्रमुख
संदीप चैहान, एसएमएस (कृषि प्रसार) ने बताया कि सेवा के माध्यम से फसलों की बुवाई के लिए खेती की तैयारी, कटाई एवं बुवाई उपरांत प्रसंस्करण संबंधी संदेश, खाद प्रबंधन, समन्वित कृषि प्रणाली, कृषि विविधीकरण, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक खेती, सब्जी एवं बागवानी फसलों की खेती, बाजार भाव और कृषि वानिकी संबंधी संदेश भेजे जाते हैं। केवीके के प्रमुख डॉ. एस.के. पांडे ने बताया कि संदेश के साथ ही किसान अपनी जिज्ञासाओं को केवीके के कृषि विशेषज्ञों से सीधे बात कर शांत कर रहे हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप के माध्यम से भी किसान अपनी खेती की चुनौतियों को कृषि विशेषज्ञों के साथ साझा कर निःशुल्क राय प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके सकरात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
इन्हें मिल चुका है लाभ
दिसंबर में मौसम खराब होने की सूचना समय पर इस सेवा के माध्यम से प्रसारित कर दी गई थी जिससे ग्राम किरगाही के किसान रामकुशल ने स्वयं के 16 कुंटल धान को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। इससे धान भीगने से बच गया। इसके साथ ही गेहूं की फसल में एक सिंचाई के पानी को भी उन्होंने बचा लिया। उन्होंने सामयिक सूचना के लिए केवीके के विशेषज्ञों को व्यक्तिगत धन्यवाद भी दिया।
ऐसे ले सकते हैं किसान सेवा का लाभ
डॉ. पांडे ने बताया कि किसान इस सेवा से जुड़ने के लिए मोबाइल नंबर 9691241215 पर संदेश भेज सकते हैं या केवीके के कार्यालय में आकर स्वयं को पंजीकृत करवा सकते हैं। इसके लिए किसानों को स्वयं का नाम, पिता या पति का नाम, ग्राम, विकासखंड, फसल रूचि और कृषक रूचि जैसी प्रारंभिक जानकारी प्रदान करनी होगी। किसान संदेश सेवा के तहत अभी तक 39 संदेश किसानों को भेजे जा चुके हैं।
