

चुनाव में कांग्रेस विधायकों की साख लगी दाव पर…
शहडोल।
उन्नीसवीं लोकसभा के चुनाव अभियान में शहडोल संसदीय क्षेत्र में कई सारे मिथक टूटने वाले हैं। तो एक सबसे बड़ा मिथक 1999 के चुनाव को छोड़कर लगातार बना रहा वह कि पुष्पराजगढ़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने हमेशा लीड की है। यहां बताना आवश्यक होगा कि 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने दलवीर सिंह का टिकट काटकर अजीत जोगी को प्रत्याशी बनाया था, तभी भाजपा को पुष्पराजगढ़ से बढ़त मिली थी। राजनीति में यह कहना अतिसंयोक्ति नहीं होगा कि कांग्रेस नेताओं ने ही भाजपा का काम उस दौरान किया था। उसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में फिर कांग्रेस ने अपने गढ़ में बढ़त बनाई। उसके बाद से 2009, 2014 व 2016 के उप चुनाव में लगातार कांग्रेस पुष्पराजगढ़ से बढ़त बनाए आ रही है। इस बार कांग्रेस के इस मिथक को क्या भाजपा हिमाद्री सिंह को सामने कर तोड़ पाएगी या फिर कांग्रेस अपने गढ़ को बचाये रखेगी।
दांव पर विधायकों की साख

अनूपपुर जिले की विधानसभा कोतमा, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़ तीनों में कांग्रेस के विधायक है और तीनों विधायक अच्छे खासे मतों से जीते हैं। तीनों के मतों का योग किया जाए तो यहां से कांग्रेस को लगभग 44 हजार 391 मत की बढ़त मिलने चाहिए। ऐसे में कांग्रेस के तीनों विधायक क्या यह लीड लोकसभा प्रत्याशी को दिला पायेंगे। जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ लोकसभा प्रत्याशी के पक्ष में जनता से समर्थन मांगने के दौरान अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने मंच में भाषण देते हुए कहा है कि हम यहां से आगे होंगे। ऐसे में तीनों विधायकों की साख दाव पर लगी है कि वह अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को कितनी बढ़त दिलाकर शहडोल लोकसभा में पार्टी का हाथ मजबूत कर पाते हैं।
यहां बढ़त के लिए जद्दोजहद
बीते चार लोकसभा के परिणामों पर गौर किया जाए तो जिले की विधानसभा कोतमा और अनूपपुर में कमोवेश भाजपा को ही बढ़त रही है। इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के साथ यहां विधायक भी कांग्रेस के हैं। ऐसे में दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के लिए बढ़त बनाने की जद्दोजहद में वह लगे हैं। तो वहीं भाजपा के नेता पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार मतों का ग्राफ और कितना बढ़ाया जा सके, इसको लेकर गांव-गांव, घर-घर दस्तक देने जुट गए हैं।
स्थानीय मुद्दों से दूर है चुनाव
अब तक के प्रचार अभियान में चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टी के राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं के बीच चर्चा कर रहे हैं। स्थानीय मुद्दों जिनसे कि हर दिन मतदाताओं को जूझना पड़ता है। उनकी ओर कोई नहीं बोल रहा है। अनूपपुर के मतदाताओं ने पूर्व में सबसे बड़ी मांग सीधे नागपुर तक के लिए ट्रेन चलाने के लिए रखी थी। जिसको लेकर सांसद को बीच सड़क में युवाओं ने घेरा था। वहीं स्वास्थ्य व शिक्षा के साथ किसानों के हित में सिंचाई के संसाधन बढ़ाने की बात भी कोई नहीं कर रहा है। ऐसा लग रहा है यहां स्थानीय मुद्दो से दूर रहकर अपनी नइया प्रत्याशी पार लगाना चाह रहे हैं।
कांग्रेस में है टकराहट
लोकसभा चुनाव प्रचार-प्रसार की शुरुआत में ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आपसी टकराहट दिखाई पड़ी। अनूपपुर में तो जब मुख्यमंत्री पहली सभा करने पहुंचे तभी मंच से अपने आप को विकास पुरुष का तमगा देने वाले ने कई कसीदे पढ़े। वहां बैठी जनता ने सुना है। उनके बाद अनिल कपूर की नायक फिल्म के तर्ज पर उतरे नेता ने रही-कही कसर पूरी कर दी। यहां तो कांग्रेस नेता अपने आप को मुख्यमंत्री के सामने बड़ा दिखाने में लगे हैं। प्रत्याशी अभी अलग-थलग ही दिखाई दे रहे हैं।
