

अनूपपुर।
अमरकंटक के वातावरण को स्वस्थ बनाए रख यहाँ के वातावरण को रमणीय बनाए रखने में सुविधाओं के विकास के साथ सभी निवासियों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। आयुक्त शहडोल संभाग शोभित जैन अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी अमरकंटक के संदर्भ में आश्रम संचालकों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होने अमरकंटक क्षेत्र में कचड़े के व्यवस्थित प्रबंधन एवं प्रसंस्करण में स्थानीय नगरीय प्रशासन को सहयोग प्रदान करने के लिए कहा। उन्होने कहा सूखे एवं गीले कचड़े का पृथक संग्रहण की व्यवस्था कर उसे दैनिक आधार पर नगरपालिका द्वारा संचालित कचड़े वाली गाड़ियों से उठाव सुनिश्चित करवाए। बैठक में एसडीएम पुष्पराजगढ़ बालागुरु के, सीईओ जिला पंचायत सरोधन सिंह, नगरपालिका अधिकारी कर्मचारी समेत अमरकंटक क्षेत्र में स्थापित विभिन्न आश्रमों के संचालक एनजीओ स्वसहायता समूहों के सदस्य उपस्थित थे।
मिनी स्मार्ट सिटी अमरकंटक के कार्यों की समीक्षा के दौरान आईजीएनटीयू ने पर्यटन विकास हेतु दिए सुझाव

आयुक्त शहडोल संभाग शोभित जैन मिनी स्मार्ट सिटी अमरकंटक अंतर्गत प्रगतिरत विभिन्न कार्यों की समीक्षा की। बैठक में एसडीएम पुष्पराजगढ़ बालागुरु के, सीईओ जिला पंचायत सरोधन सिंह नपा अधिकारी कर्मचारी समेत कन्सल्टेंट एवं विभिन्न निर्माण कार्यों के ठेकेदार प्रतिनिधि उपस्थित थे। आयुक्त ने निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह स्पष्ट किया कि यदि विभागीय सामंजस्य अथवा अनुमति के अभाव में किसी कार्य की प्रगति प्रभावित हो रही है तो उस सम्बंध में समय से अवगत कराएँ और सम्बंधित संस्थान यह भी सुनिश्चित करें कि अनुमति के सम्बंध में आवश्यक पत्राचार आवेदन समस्त सम्बंधित दस्तावेजों समेत समय से कर दिया जाय। आयुक्त ने कहा अमरकंटक को स्मार्ट पर्यटन सिटी के रूप में विकसित करने के समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आमजन भी इस विकास प्रक्रिया में शामिल हों और वे सभी विकास की कार्ययोजना का हिस्सा हों। सतत एवं संवहनीय विकास की अवधारणा आमजनो की सहभागिता पर आधारित हैं। उन्होने विकास के घटकों में धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित एवं व्यवस्थित विकास के साथ अमरकंटक क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को भी विकसित करने को भी योजना में अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कहा। प्राकृतिक सौंदर्य का विकास अमरकंटक क्षेत्र में तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करेगा जिससे अमरकंटक क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। क्षेत्रीय स्थलों के विकास में पर्यावरण संरक्षण को एक महत्वपूर्ण घटक बताते हुए एकीकृत विकास मॉडल पर जोर दिया जिसमें पर्यटन एवं पर्यावरण एक दूसरे के पूरक हों। इस दौरान आईजीएनटीयू से आए विशेषज्ञ दल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अमरकंटक में पर्यटन विकास की सम्भावनाओं एवं आईजीएनटीयू की उस विषय में भूमिका के सम्बंध में आयुक्त को अवगत कराया।
