
सीएचपी प्लांट में बंद हुआ ठेका, कटघरे में अधिकारी ( आशुतोष सिंह की रिपोर्ट )

…..तो लाभ पहुंचाने सालों-साल तक चला ठेके पर काम
इन्ट्रोः- अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की 210 मेगावाट इकाई के कोल हैण्डलिंग प्लांट में सालों-साल से चल रहा मेंटीनेंस का ठेका बंद होने के बाद विभागीय जिम्मेदार कटघरे में खड़े दिखाई दे रहे हैं। अधिकारी यहां अपने स्वार्थ के लिए किस प्रकार कंपनी को गुमराह करते हैं। यह इस कार्य से स्पष्ट हो रहा है।
चचाई।

मध्यप्रदेश पाॅवर जनरेटिंग लिमिटेड कंपनी को अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के जिम्मेदार अफशर किस प्रकार गुमराह करते आ रहे हैं इसकी एक बानगी तब सामने आई जब कोल हैण्डलिंग प्लांट के मैन्टीनेंस का कार्य सालों से ठेके पर कराया जा रहा था। लेकिन बीते दिवस जिम्मेदार अधिकारियों ने ठेका समाप्त कर जो कार्य अब तक ठेका श्रमिक करते आ रहे थे। अब उसी कार्य को करने के लिए प्रति शिफ्ट 3-3 कर्मचारियों की ड्यिूटी विभागीय अधिकारियों द्वारा लगा दी गई। क्या इसके पहले कंपनी में कर्मचारियों की कमी थी या फिर जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए कोल हैण्डलिंग प्लांट में मेंटीनेंस का ठेका प्रति वर्ष निकालते रहे हैं। इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
सवाल मांग रहे जवाब
कोल हैण्डलिंग प्लांट में सालों से चल रहे मेंटीनेंस के ठेके को एकाएक बंद करना श्रमिक यूनियन की परे है। इस पूरे मामले से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां मेंटीनेंस के कार्य के लिए प्रतिवर्ष 20 श्रमिकों की सप्लाई का ठेका आवंटित किया जाता रहा है। बीतें माह सालभर के ठेके को 15-20 दिनों के लिए निकाला गया। उसके बाद शनिवार या रविवार की रात से इस कार्य को करने के लिए अधिकारियों ने कंपनी के 3-3 कर्मचारियों की प्रति शिफ्ट ड्यिूटी लगा दी। सवाल खड़ा होता है कि जब कंपनी के पास कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त थी तो प्रति साल मेंटीनेंस का ठेका निजी फर्म को क्यों दिया जाता रहा। यदि कर्मचारी नहीं थे तो कंपनी को पत्र लिखकर जिम्मेदारों ने यहां पदास्थापना की मांग क्यों नहीं की। क्या निजी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए कोल हैण्डलिंग प्लांट में पदस्थ अधिकारी यह सारा खेल-खेलते रहे हैं।
क्या दर्ज होगी एफआईआर
210 मेगावाट इकाई के प्रारंभ के बाद से ही जानकारों की माने तो कोल हैण्डलिंग प्लांट के मेंटीनेंस के लिए 20 श्रमिकों का ठेका होता रहा है। ऐसा क्या हुआ कि अब वहां कंपनी के कर्मचारियों की प्रति शिफ्ट ड्यिूटी लगानी पड़ी और ठेका समाप्त करना पड़ा। यदि इतने सालों तक जिम्मेदार अधिकारी कंपनी के कर्मचारी होने के बाद भी कार्य को ठेके पर कराकर कंपनी को आर्थिक हानि पहुंचाते रहे हैं। ऐसे में कंपनी को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हुआ तो क्या जिन्होंने पावर जनरेटिंग कंपनी को आर्थिक हानि पहुंचाई है उनसे इन सालों में किए गए भुगतान की रकम वसूल की जाएगी या फिर उनके विरूद्ध आर्थिक अपराध की धाराओं अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
न्यायालय जाएगा मामला
ताप विद्युत गृह चचाई की 210 मेगावाट इकाई के कोल हैण्डलिंग प्लांट के बंद हुए ठेके के मामले को लेकर बिजली उत्पादन कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश माननीय न्यायालय जाएगा। संघ की अध्यक्ष सीमा मिश्रा ने कहा कि यह एक प्रकार से आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि जिस कार्य को करने के लिए कंपनी में कर्मचारी हों और उसी कार्य को सालो-साल तक ठेके पर देकर कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई हो और सालों से रोजगार में लगे ठेका श्रमिकों को बेरोजगार किया गया है। सारे तथ्यों को लेकर वह जल्द न्यायालय में परिवाद दायर करेंगे।
इनका कहना है
कुछ तकनीकी खामियों की वजह से टेन्डर नहीं हो पाया है। जल्द टेंडर होगा ऐसा कुछ नहीं है। कर्मचारी आपातकाल कार्य करते हैं। कंपनी को कभी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
व्यास मुनि पाठक
कार्यपालन अभियंता
सीएचपी अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई
