
निपाह के डर से फिर केरल में सहमे लोग

जानिए कितना खतरनाक है यह जानलेवा वायरस
नई दिल्ली,
केरल में इन दिनों एक बार फिर वायरस निपाह (Nipah) अपने पैर पसार रहा है। हाल ही में केरल की स्वास्थ्य राज्य मंत्री केके शैलजा ने केरल में निपाह वायरस के पहले मामले की जानकारी दी है। एक 23 साल के युवक को निपाह वायरस से संक्रमित होने संदेह में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी पुष्टि पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) कि रिपोर्ट में हुई है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी राज्य के लोगों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।

पिछले दो हफ़्ते में केरल के तटीय शहर कोझिकोड में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की वजह यही वायरस बताया गया था। तब राज्य मंत्री ने कहा था कि मृतक की बीमारी के पीछे कौन सा वायरस है, यह अब भी रहस्य है। हालांकि, मृतक के ख़ून और दूसरे सैम्पल पुणे में नेशनल वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट को भेजे गए हैं।
चलिए जानते है आखिर यह निपाह वायरस है क्या?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक निपाह वायरस (NiV) तेजी से फैलता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारी को पैदा करता है।
इसका सबसे पहला मामला 1998 में मलेशिया के एक गांव ‘सांगुई निपाह’ में इस वायरस का पता चला थआ। और तभी से इसका नाम निपाह वायरस पड़ा।इस बीमारी के चपेट में आने की पहली घटना तब हुई जब मलेशिया के खेतों में सूअर, फ्रूट बैट (चमगादड़ की एक प्रजाति) के संपर्क में आए। उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे। लेकिन इसके बाद जहां-जहां NiV के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे। साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इसकी चपेट में आए। दरअसल, इन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और पेड़ तक इस वायरस को ले जाने वाली चमगादड़ थी। जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता है।
नहीं मिला चमगादड़ से फैलने का सुबूत
केंद्रीय मेडिकल टीम ने विभिन्न जगहों से कुल 21 नमूने एकत्रित किए थे जिसमें से सात चमगादड़, दो सूअर, एक गोवंश और एक बकरी या भेड़ से था। इन नमूनों को भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया था। अधिकारी ने कहा, इन नमूनों में उन चमगादड़ों के नमूने भी शामिल थे जो कि केरल में पेराम्बरा के उस घर के कुएं में मिले थे जहां शुरूआती मौत की सूचना मिली थी। इन नमूनों में निपाह विषाणु नहीं पाए गए हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में मृत मिले चमगादड़ों के नमूने पुणे भेजे गए थे, उनमें भी यह विषाणु नहीं मिला है। इसके साथ ही हैदराबाद के संदिग्ध मामलों के दो नमूनों में भी यह विषाणु नहीं मिले हैं।
