
हंगामे की भेंट चढ़ा मानसून सत्र, विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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भोपाल।
पांच दिन चलने वाला विधानसभा का मानसून सत्र दो दिन में ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी है।वही सरकार द्वारा 17 विधेयक के साथ अनुपूरक बजट को बिना चर्चा के पारित कर दिया। पारित विधेयकों में आपातकाल के दौरान जेल गए मीसा बंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने तथा लाड़ली लक्ष्मी योजना को लाड़ली लक्ष्मी योजना को कानूनी रूप देने वाला विधेयक शामिल रहे।वही सत्र के दौरान सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन होना था, लेकिन इस सत्र में यह भी नहीं सका।बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में ये सबसे छोटा सत्र रहा।

स्थगित के पहले विधानसभा में सत्तापक्ष -विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। एक तरह जहां बीजेपी ने इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस को घेरा वही कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अड़ी रही।BJP ने इमरजेंसी को देश के इतिहास में सबसे काला दिन बताया तो कांग्रेस विधायक नाराज हो गए और हंगामा करते हुए आसंदी तक पहुंच गए।दोनों के बीच तीखी नोंकझोक होने लगी , जिसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।फिर कार्रवाही शुरु की गई।सदन के शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने आज शाम मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मीसा बंदियों के सम्मान के विरोध में जमकर नारेबाजी की।इसको लेकर जब फिर से हंगामा होने लगा तो विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्रवाही अनिश्चितकालीन तक स्थगित कर दी।वही सत्तापक्ष के नेता बीच बीच मे नारे लगाने लगे माँ को न्याय दिलाओ, मां को घर लाओ।
विपक्ष ने सत्तापक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा ना करने के आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि ये सरकार की मंशा थी, इसलिए विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित की गई। सत्तापक्ष ने सदन नही चलने दिया।सरकार ने विपक्ष को बोलने का मौका नही दिया, सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस को बसपा का साथ मिला है, लेकिन इसके बावजूद सत्तापक्ष ने इस पर डर के चलते चर्चा नही की। शिवराज सरकार इस अविश्वास प्रस्ताव से भागना चाहती थी इसलिए हंगामा किया गया और कार्रवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले बीजेपी विधायक नीलम मिश्रा ने खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस उनके इशारों पर काम कर रही है , उनके कहने पर पुलिस हमारे परिवार के लोगों पर एफआईआर दर्ज कर परेशान कर रही है। मुझे डर है कि मेरे पति का एनकाउंटर ना हो जाए।हालांकि आसंदी के निर्देश पर गृहमंत्री ने आश्वस्त किया था कि पुलिस प्रताड़ित नही करेगी, लेकिन आधे घंटे बाद ही नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया । इसके विरोध में बीजेपी विधायक मिश्रा आसंदी के सामने धरने पर बैठ गयी, उनके समर्थन में कांग्रेस की महिला विधायक भी धरने पर बैठ गयी। इसी बीच लगातार हंगामा होता रहा। बढ़ते हंगामे को देख गृहमंत्री के आश्वस्त करने पर उन्होंने अपना धरना समाप्त किया।
