

ग्वालियर,
यदि आप रेड लाइट जंप, मोबाइल पर बात करने या वाहन चलाते समय नशा करने के आदि हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। लगातार चेतावनी देने के बाद अब पुलिस कड़ा एक्शन लेने जा रही है। 29 दिन में 105 ऐसे वाहन चालक जिन्होंने बार-बार रेड लाइट जंप की या नशे में ड्राइविंग कर एक्सिडेंट का कारण बने हैं उनके ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कराए गए हैं। सीधे शब्दों में कहें तो वे अगले 6 महीने तक बिना लाइसेंस माने जाएंगे। इस दौरान यह वाहन चलाते हैं और कोई दुघर्टना का शिकार हो जाते हैं तो उस स्थिति में किसी भी तरह के बीमा क्लेम के लिए दावा नहीं कर सकेंगे। एक महीने में इतनी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने का यह पहला मौका है। लगातार वाहन चेकिंग, चेतावनी और बार-बार जागरुक अभियान चलाने के बाद भी सड़क पर ट्रैफिक नियम से खिलवाड़ करने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। चेतावनी के साथ चालान की कार्रवाई भी लगातार पुलिस कर रही है। अब यातायात पुलिस ने इस तरह के मामलों से निपटने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने की पूरी योजना बना ली है। ट्रैफिक पुलिस चेकिंग में पकड़े गए वाहन चालकों का मेडिकल कराएगी और नशे में ड्राइविंग की पुष्टि होते ही लाइसेंस की कॉपी जब्त कर लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) को भेजते हुए सस्पेंड करने की अनुशंसा करेगी। जिसके बाद सस्पेंड होते ही सॉफ्टवेयर में अपडेट किया जाएगा।
105 लाइसेंस सस्पेंड, 90 चार पहिया वाहन

डीएसपी ट्रैफिक आरएन त्रिपाठी ने बताया कि बीते एक महीने में उन्होंने ऐसे वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई के लिए फोकस किया है जो बार-बार नियमों से खिलवाड़ करते हैं। 29 दिन में 105 वाहनों के चालक के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कराए हैं। इनमें से चालक चार पहिया या इससे बड़े वाहनों के हैं। जबकि शेष तीन पहिया और दो पहिया वाहनों के हैं।
6 महीने तक बिना लाइसेंस माने जाएंगे, सॉफ्टवेयर में अपडेट
डीएसपी ट्रैफिक नरेश अन्नोटिया ने बताया कि ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले जिन वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए हैं। वह 6 महीने तक बिना लाइसेंस के माने जाएंगे। लाइसेंस सस्पेंड होने की जानकारी परिवहन विभाग के वेबसाइट पर अपडेट हो जाती है। यदि कोई वाहन चालक पकड़ा जाता है और उस पर संदेह होता है तो परिवहन की वेबसाइट पर उसके लाइसेंस की डिटेल डालकर जानकारी ली जा सकती है।
किसी क्लेम का हकदार नहीं होगा
सस्पेंड की अवधि के दौरान वाहन चालक कोई गाड़ी चलाते समय हादसे का शिकार हो जाता है या फिर उसके वाहन से कोई दुघर्टना हो जाती है तो वह खुद किसी बीमा क्लेम का हकदार नहीं है। उसे बिना लाइसेंस के ही माना जाएगा। उसी तरह सारी कार्रवाई होगी जो बिना लाइसेंस के वाहन चलाते समय होती है।
केस डायरी में भी सर्टिफाइड कॉपी जरुरी
अब सवाल यह उठता है कि किसी का लाइसेंस सस्पेंड है और वह किसी मामले में पकड़ा जाता है तो पुलिस को कैसे पता लगेगा कि उसका लाइसेंस सस्पेंड है। एक तो संदेह होने पर परिवहन की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। दूसरा कोर्ट ने एक्सीडेंट के केस में केस डायरी में लाइसेंस की क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से सर्टिफाइड कॉपी लगाने का नियम कर दिया है। ऐसे में जब सर्टिफाइड कॉपी मांगी जाएगी तो अपने आप ही उस पर लाइसेंस सस्पेंडेट लिखा आएगा। जिसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
इनका कहना
समझाइश बहुत हो गई है। अब बार-बार नियम तोड़ने वाले विशेष कर रेड लाइट जंप, मोबाइल पर बात करते समय ड्राइविंग या नशे में वाहन चलाने वालों पर फोकस कर लाइसेंस सस्पेंड की कार्रवाई की जा रही है। 29 दिन में 105 लाइसेंस सस्पेंड कराए हैं। आरएन त्रिपाठी,डीएसपी ट्रैफिक
