

गुरु आप तो पक्के गुरुओं के गुरु निकले, चित भी आपकी पट भी आपका वल्कर रूपी भारी वाहन अतरिक्त भार लीये हर रोज आवा जाही में जुटे हैं पर आप आँख मूंद कर बैठ गए हैं …….?
अब मूंदे काहे न चाँद, किशन, सिद्धार्थ ने कहा होगा………?
गुरु “”संकेत”” समझ बस आंख मूंदे रहो……..!
जब सब ऊपर तक चल ही रहा है तबही तो गुरु पूजा पाठ कर भारी भरकम सैकडों वाहन का पार्किंग उपलब्ध करा ही दिये …… ।
पर इधर पार्किंग से पप्पू लाल – पीला हो रहा है………..@
पार्किंग आपकी बातों जैसी हवा में तो है नही जमीन पर है …..!
हाईवे से मुसीबत हटी और इधर टेविल के नीचे सब ठीक होने का दावा चाँद ने कर दिया …..।
रोज टोकन, इन्ट्री ओवर लोड का खेल आपके आने के साथ दोहरे रफ्तार में चल पड़ा है……
फिलहाल सब ठीक-ठाक चल रहा है…….
पर कब तक गुरु………..?
अब हेलमेट, सीट बेल्ट, टेक्सियों आदि से सरकारी कोरम पूरा हो ही जाता है….
जिसके लिए जी जान से जुटी आपकी टीम मुख्यालय छोड़ हर जगह मिल जाती हैं……….।
सड़कों पर सुबह से ऐसे मौजूद होते हैं जैसे यंहा आ कर ही इन्होंने दातून घिसी हो….?
जिनको रोज आना है वो तो 1, 3, 5, पर शून्य चढा भेंट कर ही रहे हैं………।
पर नया शिकार……….₹₹₹
आप जल्दी में बहुत रहते हैं …
कभी समय मिले तो बच्चों पर भी ध्यान दे दीजिएगा बेचारे भूंसों की तरह बैठाए जाते है…….।
यह जिला गुरु के वार से चाँद की चांदी काट रहा है……।
जब सब ठीक चल ही रहा है तो फुनगा चौकी क्यो नही खुल रहा है……….?
अरे गुरु नया भवन खंडहर हो रहा है …….।
आप जल्दी में रहने की आदत न भूलियेगा बिना जानकारी हाईवे पर लगातार चेक करते रहिए आप पर नेताओं अधिकारियों का आशीर्वाद बना रहे……!
हमारा क्या हम कुछ कह नही सकते तीन पांच करने से अच्छा है कुछ न कहना इसीलिए पहले ही कह देते हैं…………
“”अब कहे कौन … ?””
