
बेपटरी हुई यातायात व्यवस्था, पटरी में है वसूली का कारोबार (आसुतोष सिंह की रिपोर्ट)
किसके आदेश पर हाईवे में कौन सी व्यवस्था बना रही यातायात पुलिस...

अनूपपुर।
उनका काम है ट्रैफिक कंट्रोल करना सु-व्यवस्थित यातायात के लिए खासा स्टाफ भी है इसके बावजूद शहर का यातायात बेपटरी है। शहर के सबसे व्यस्ततम चैराहों में स्टेशन चैराहा के बाद शंकर मंदिर चैराहा उसके बाद इन्द्रा तिराहा सामतपुर तिराहा व अमरकंटक तिराहा प्रमुख है, लेकिन कभी कभार यहां ट्रैफिक पुलिस दिखाई पड़ती है यहां तैनात पुलिसकर्मियों की नजर उन्ही वाहनों की ओर होती है जो माल वाहक होते है। खास बात तो यह है कि सुदूर प्रान्तों का नंबर देखते ही वर्दीधारियों की आंखो में चमक आ जाती है फिर बीच चैराहे में ही डण्डे के बल पर उनको रोककर कागजी छानबीन के बहाने कागजात इस हांथ से उस हांथ घुमाया जाता है। कभी-कभी इसी दौरान सड़क पर जाम भी लग जाता है,लेकिन बड़ी मछली तलाश रहे कर्मियों को उस समस्या से तनिक भी मतलब नही रहता। कई बार पुलिस की इन कार गुजारियों से हादसे भी हो जाते है उसके बाद पुलिसकर्मी वाहन को किनारे खड़ा कराके अपना कोरम पूरा करते हैं।
सुबह शाम वाहन चेकिंग का खेल
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में सांधा मोड़ के आगे व पसला के बीच आपको सुबह शाम नीले पेंट व सफेद शर्ट वाले वर्दीधारी तैनात मिल जायेंगे इसी तरह सकरा तिराहे के आगे शहडोल अमरकंटक मार्ग में वह निर्धारित समय में पहंुच जाते है। हालही में तो प्रभारी ने दोपहर में उनके खाने पीने का इंतजाम भी पैकिटों के माध्यम से वहीं पर करा रखा है। छोटे हों या बडे वाहन हर वाहनों के कागजात चेकिंग के बहाने अवैध वसूली ने वाहन चालको व यात्रियों को परेशान कर रखा है।
हर बीट से अलग वसूली
जानकारों की माने तो अपराधों के नियंत्रण के लिए पुलिस में बीट प्रणाली की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन आपको जानकर आश्र्चय होगा कि जिले में यातायात विभाग द्वारा वसूली के लिए बीट प्रणाली लागू की गई है, जिसमें बाजार बैठकी, आटो टैक्सी स्टैण्ड, खनिज परिवहन में लगे वाहन, हाइवा व कैप्सूल जैसे भारी भरकम वाहनों से वसूली के लिए आरक्षकों को प्रभारी बनाया गया है। जो हर माह का हिसाब-किताब जमा करते है ठीक इसी तरह रोड़़ में जांच के लिए भेजे जाने वाले टीम के प्रभारी द्वारा प्रतिदिन चलानी कार्यवाही के अलावा अवैध वसूली का हिसाब-किताब दिया जाता है।
कैप्सूल की करते जय जय कार
जिले के हिन्दुस्तान पावर प्लांट जैतहरी फ्लाई ऐस के परिवहन में लगे कैप्सूल वाहनों की जय जय कार हो रही है,क्योंकि यह वाहन अपनी भार क्षमता से दुगना परिवहन कर रहे हैं और इसके एवज में प्रतिमाह ट्रैफिक पुलिस को लाखो रूपये बतौर किस्त अदा की जा रही है। इसके अलावा चाहे वह सरिया के वाहन हो या फिर अन्य राज्यों से किसी भी प्रकार का समान लेकर यहां पहुँचने वाले भारी वाहन हो उनसे भी महीने की एंट्री ली जा रही है।
फरमान की न फरमानी
राज्य के तत्कालीन एडीजीपी ट्रैफिक ने सभी जिलों की ट्रैफिक पुलिस को आदेश जारी किया था कि ट्रैफिक पुलिस अब बिना वजह वाहनों को रोककर तलाशी लेने अथवा उसके दस्तावेज चेक नही करेगी। शहर के चैक चैराहों व सड़क पर तैनात ट्रैफिक पुलिस सिर्फ यातायात नियम को तोड़ने वालों को ही रोकेगी ऐसे में पुलिस अपना जादा ध्यान यातायात व्यवस्था को र्दुरूस्त करने पर देगी लेकिन आदेश की नफरमानी शायद जिले की यातायात पुलिस ने अपने मूल कार्य में ले रखा है। अन्यथा वह यातयात व्यवस्था बनाने में जरूर ध्यान देती।
