
बहगढ़ के बाबा लाल गिरी फक्कड़ दास ने त्यागा शरीर क्षेत्र में शोक की लहार ,”आशुतोष सिंह की रिपोर्ट”

बहगढ़ के बाबा श्री लाल गिरी फक्कड़ दास ने त्यागा शरीर क्षेत्र में शोक की लहार :—
पुष्पराजगढ़ :-गणेश आश्रम धरहर कला(बहगड) के श्री लाल गिरी फक्कड़ दास बाबा ने दिनांक 3/7/18 को साम 6 बजे अपना मानव शरीर त्याग दिया।
बाबा फक्कड़ दास लगभग 100 वर्षों से अधिक आयु के रहे,उनका अधिकांश जीवन गणेश आश्रम में ही व्यतीत हुआ गणेश भगवान कि तरह इनके भी एक दांत होने कि वजह से इन्हें एक दन्ति महराज के नाम से भी इन्हें जाना जाता रहा है,बाबा फक्कड़ दास लालगिरी बाबा बहुत ही सांत स्वभाव के रहे,जो भी भगवान गणेश दर्शन के लिए जाते थे,एक बार जरूर बाबा फक्कड़ दास लालगिरी से आशीर्वाद प्राप्त करना नही भूलते थे,अधिकांश लोगों का कहना है,उन्होंने बाबा को इसी अवस्था मे ही देखा है,इस तरह की बात करने वालों की उम्र चाहे जितनी भी क्यूँ न हो पर कोई भी उनके जीवन की जवानी के दौर को नही जानता।
बाबा फक्कड़ दास लाल गिरी कि थी अंतिम ईक्षा:–
बाबा की गणेश आश्रम में रहते हुए वर्षों हो गए थे,औऱ उनके जीवन काल मे गणेश आश्रम परिषर में विभिन्न आयोजन होते रहे पर भगवत महापुराण का वाचन नही हुआ था,बाबा लाल गिरी कि कम से कम एक बार आश्रम परिषर में श्रीमद भागवत कथा श्रवण करने कि इच्छा रही जो पिछले महीने ही 15 तारीख को सम्पन्न हुई,अपनी इच्छा के अनरूप बाबा फक्कड़ दास लालगिरी महराज ने बृन्दावन से आई भगवत कथा वाचन मण्डली से भगवत महापुराण का श्रवण किया,और धूम धाम से भंडारे का आयोजन किया,बाबा लालगिरी महराज के सांथ अनेकों लोगों की आस्था जुड़ी रही वे सब इस नेक और धार्मिक कार्य मे उनका सांथ दिए,लोगों ने अपनी क्षमता के अनुसार तन,मन,धन से श्रीमद भागवत कथा के वाचन के समय हिस्सा लिया।
आश्रम परिषर सहित पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल:–
श्री फक्कड़ दास लाल गिरी बाबा के इस प्रकार देह वासन होने पर आस-पास में शोक का माहौल व्याप्त है,जन चर्चा हो रही कि बाबा फक्कड़ दास लालगिरी ने अपनी इक्षा से मानव शरीर का त्याग किया है,ऐसी मान्यता रही है कि बाबा गणेश भगवान के अंश रूप में धरहर कला ग्राम के बहगढ़ स्थित भगवान गणेश मंदिर परिषर में वर्षो से साधना करते रहे,उन्ही के रहते आश्रम परिषर में अनेक निर्माण कार्य हुए किन्तु बाबा लालगिरी महराज ने एक भी पेड़ काटने की इजाजत नही दी,बहगड गणेश आश्रम परिषर जंगलों के बीच मे स्थापित है,यदि निर्माण कार्य को विस्तृत रूप देना हो तो पेड़-पौधों को काटना ही पड़ता पर बाबा फक्कड़ दास को वातावरण और जंगल से इतना लगाव रहा कि वो किसी भी कीमत पर उन्हें हानि नही पहुंचाने दिए।
फक्कड़ दास बाबा की निकली भव्य शोभा यात्रा:—
बाबा फक्कड़ दास लालगिरी के देहवासन के बाद उनकी शोभा यात्रा निकाली गई,यह शोभा यात्रा बहगड आश्रम परिषर से निकलकर बसनिहा, राजेन्द्रग्राम होते हुए दुर्गा मंदिर प्रांगण तक आई बाबा लालगिरी महराज को आश्रम परिषर में ही समाधि दी जाएगी,बाबा फक्कड़ दास लालगिरी महराज की शोभा यात्रा में सैकड़ों जन सामिल हो कर अपने श्रद्धा शुमन अर्पित कर रहे हैं।
बाबा फक्कड़ दास लालगिरी महराज की अंतिम शोभा यात्रा में,धर्मेंद्र जयसवाल,ब्रजनाथ सिंह,राजेश अग्रवाल,लल्ला गुप्ता,दिल्लू गुप्ता,भारत गुप्ता,पुष्पेंद्र रजक,हनुमान मंदिर के पुजारी,गणेश मंदिर के पुजारी शौरभ श्याम,गजेंद्र रजक,सहित सैकड़ों लोग रहे सामिल।
