

कोहराम नमक….का
नमक पर बना अंग्रेजी कानून राष्ट्र पिता गांधी की दान्डी यात्रा के साथ पहले ही समाप्त हो चुका है तब के कानूनानुसार अंग्रेजो के अतिरिक्त किसी को भी नमक बनाने व बेंचने का अधिकार नही था। वर्तमान के इस कोरोना काल में एक बार फिर नमक सुर्खिया बटोर रहा है, प्रसाशन की लापरवाही या शोसल मीडिया पर दी जा रही भ्रामक जानकारियो की वजह से नमक के नाम पर त्राहि-त्राहि मची हुई है। अनूपपुर जिला ही नही सीमावर्ती जिलों के साथ छत्तीसगढ़ में भी नमक के दाम आसमान छू रहे है 10 रूपये में बिकने वाला नमक 40 से 50 से 70 रूपये में मिलने की बात जन चर्चा का हिस्सा बनी हुई है लोग आने वाले समय में नमक की उपलब्धता नही रहने की बात से नमक ज्यादा से ज्यादा खरीद कर रखना चाह रहे है भले ही वह उंची दामों में मिल रहा हो। प्रसाशन ने अभी तक इस मामलें को गंभीरता से नही लिया है। ऐसे ही नमक पर भीड़ खरीददारी के लिये उमड़ती रही तब आने वाले समय में दामो में और ईजाफा होना लाजमी है। शोसल डिस्टेंशिंग से कोरोना के होने वाले फैलाव को रोका जा सकता है जिसके तहत जिला प्रसाशन द्वारा दुकानदारों पर शोसल डिस्टेंशिंग पालन नही करने की वजह से कार्यवाही कर रही है किन्तु आवश्यक वस्तुओं के दामों पर लगातार बड़ोतरी की बात लोगो के द्वारा कही जा रही है इस पर प्रसाशन को जल्द ही ठोस कदम उठोने होंगे नही तो नमक जैसे हालात अन्य के बनने में समय नही लगेगा।
