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एक भारत श्रेष्ठ भारत के स्वप्न दृष्टा थे महान शिक्षाविद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी: सीएम योगी

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
  • बोले, डॉ. मुखर्जी ने अपने विजनरी नेतृत्व से देश की औद्योगिक नीति को तय करने में बड़ी भूमिका का किया निवर्हन
  • आज जम्मू कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के साथ भारत के संविधान की भावनाओं को कर रहा साकार

भारत माता के महान सपूत भारतीय जनसंघ के संस्थापक, अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 23 जून 1953 को अखंड भारत के लिए अपना बलिदान दिया था। वह महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक भारत श्रेष्ठ भारत के स्वप्न दृष्टा थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में देश को अपने विजनरी नेतृत्व से लाभान्वित करके देश की औद्योगिक नीति को तय करने में बड़ी भूमिका का निर्वाहन किया था। डॉ. मुखर्जी ने पंडित नेहरू के नेतृत्व की सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ किये जा रहे खिलवाड़ को देखते हुए इस्तीफा दे दिया था और भारतीय जन संघ के पहले अध्यक्ष के रूप में उन्होंने देश में एक नई राजनीतिक शुरुआत को आगे बढ़ाया था। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में कही। इससे पहले सीएम ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे याद किया।

डॉ. मुखर्जी ने अपने कर्तव्यों को निवर्हन करते हुए जम्मू कश्मीर की जेल में बलिदान दिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1952 प्रथम आम चुनाव के बाद देश के संविधान में धारा 370 को टाल करके राष्ट्रीय एकता को चुनौती दी थी। इसके साथ ही कश्मीर में परमिट सिस्टम लागू किया गया। सरकार के लोगों ने ही देश की सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता को चुनौती देने का कमा किया। इस पर डॉ. मुखर्जी ने एक देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान का उद्घोष करते हुए कश्मीर में प्रवेश किया था। इस दौरान उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद जम्मू कश्मीर की जेल में डॉ. मुखर्जी ने 23 जून 1953 को बलिदान दे दिया। डॉ. मुखर्जी ने वर्ष 1953 में जो सपना देखा था, एक भारत, अखंड भारत और सुरक्षित भारत का उसे साकार होने में 65 से 66 वर्ष लगे जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 5 अगस्त 2019 को कश्मीर में धारा 370 समाप्त हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के साथ भारत के संविधान की भावनाओं के अनुरूप एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पनाओं को साकार कर रहा है। कश्मीर में धारा 370 का हटना डॉ. मुखर्जी जी के प्रति प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की सरकार की कृतज्ञता है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही तमाम विधायक गण मौजूद रहे

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