उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत अब जापान के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरने जा रही है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, जापान टूरिज्म एक्सपो 2025 में 25 से 28 सितंबर तक भागीदारी दर्ज करेगा,
जिससे बौद्ध पर्यटन सर्किट, योग, आयुर्वेद और ग्रामीण जीवन को वैश्विक पहचान मिलेगी।
थीम आधारित पवेलियन और डिजिटल तकनीक का समावेश
एक 54 वर्ग मीटर के थीम पवेलियन में सारनाथ, कुशीनगर और श्रावस्ती जैसे बौद्ध स्थलों को दिखाया जाएगा।
डिजिटल एलईडी डिस्प्ले, AR आधारित सेल्फी पैनल और मोबाइल ऐप के ज़रिए जापानी पर्यटक
उत्तर प्रदेश की पर्यटन सेवाओं से जुड़ सकेंगे।
बी2बी व बी2सी बैठकें और रोड शो
इस एक्सपो में उत्तर प्रदेश सरकार बी2बी और बी2सी बैठकें आयोजित करेगी,
जिससे जापानी निवेशकों और पर्यटकों से प्रत्यक्ष संवाद हो सकेगा।
इस मौके पर इंग्लिश और जापानी भाषा में विशेष बुकलेट वितरित की जाएंगी।
लोककला और संस्कृति की वैश्विक प्रस्तुति
ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपीआईटीएस-2025 में 465 वर्गमीटर के हॉल-7 में एक भव्य पंडाल स्थापित होगा
जिसमें बुंदेली, मयूर और आदिवासी नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतिदिन प्रस्तुति होगी।
बौद्ध सर्किट और ग्रामीण पर्यटन
बौद्ध सर्किट (सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशांबी, संकिसा और कपिलवस्तु) को मुख्य आकर्षण बनाया जाएगा।
साथ ही, ग्रामीण पर्यटन, आयुर्वेद और योग को जापानी यात्रियों की स्वास्थ्य और अध्यात्मिक रुचियों के अनुसार प्रस्तुत किया जाएगा।
भारत-जापान संबंधों में पर्यटन एक नई कड़ी
2024 में 2.4 लाख जापानी पर्यटक भारत आए और लगभग ₹1,200 करोड़ का योगदान दिया।
इस एक्सपो के माध्यम से उत्तर प्रदेश को Most Favored Tourist Destination के रूप में स्थापित करने की योजना है।
अधिक जानकारी के लिए:
भारत सरकार की पर्यटन वेबसाइट Incredible India पर विजिट करें।