नई दिल्ली। लोकप्रिय टीवी शो “कौन बनेगा करोड़पति” (KBC) में हाल ही में पूछे गए एक सवाल ने केंद्र सरकार की गोवर्धन योजना (GOBAR-DHAN) को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। यह सवाल न केवल कार्यक्रम के प्रतिभागी बल्कि दर्शकों के बीच भी चर्चा का विषय बना। दरअसल, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2018 में शुरू की गई यह योजना आज ग्रामीण भारत की आर्थिक समृद्धि, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम बन चुकी है।
गोवर्धन योजना: ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम
गोवर्धन योजना का पूरा नाम है – गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan)। इसे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत वर्ष 2018 में प्रारंभ किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है –
- पशु अपशिष्ट और जैविक कचरे से बायोगैस एवं कम्पोस्ट का उत्पादन करना।
- किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत तैयार करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाना।
- हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना।
किसानों और ग्रामीण समाज को लाभ
गोवर्धन योजना किसानों और ग्रामीण समाज के लिए कई दृष्टि से लाभकारी सिद्ध हो रही है –
- इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
- रासायनिक खाद पर निर्भरता घट रही है, जिससे मिट्टी की सेहत सुधर रही है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
- स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है।
हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
इस योजना से तैयार होने वाली बायोगैस न केवल ग्रामीण घरों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक है। वहीं, कम्पोस्ट खाद मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाकर टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहित कर रही है।
अफसरशाही नहीं, जनसहभागिता से सफल
प्रधानमंत्री मोदी का विज़न है कि गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और वहां रहने वाले लोग तकनीकी बदलावों से जुड़कर स्वावलंबी बनें। यही कारण है कि गोवर्धन योजना को केवल सरकारी योजना न मानकर एक जनआंदोलन का रूप दिया गया है।
“कौन बनेगा करोड़पति” जैसे लोकप्रिय मंच पर इस योजना से जुड़ा सवाल पूछे जाने से यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार की पहल आज न केवल सरकारी दस्तावेजों में बल्कि आम जनमानस के बीच भी चर्चा और प्रेरणा का विषय बन चुकी है। गोवर्धन योजना, ग्रामीण भारत को आर्थिक मजबूती, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के साथ नए भारत के निर्माण में अहम योगदान दे रही है।