₹1.50 लाख की आय से पंचायत बनी आत्मनिर्भर और स्वच्छता का मॉडल


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की आत्मनिर्भर ग्राम” और स्वच्छ एवं समृद्ध पंचायत” की परिकल्पना को साकार करते हुए,

अलीगढ़ जनपद की भरतपुर ग्राम पंचायत ने जैव उर्वरक संयंत्र (Biofertilizer Plant) के माध्यम से एक मिसाल कायम की है।

₹1.50 लाख की आय से सशक्त हुई ग्राम पंचायत

नवंबर 2024 में प्रारंभ हुआ यह संयंत्र अब तक ग्राम पंचायत को ₹1.50 लाख की आय दे चुका है।

इससे न केवल पंचायत की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास कार्यों को भी गति मिली है।

यह परियोजना ग्रामीण आत्मनिर्भरता और हरित अर्थव्यवस्था का जीवंत उदाहरण है।

इस पहल को पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा तकनीकी सहयोग और प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है।

महिलाओं को मिला रोजगार, पर्यावरण हुआ स्वच्छ

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर जी और विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में संचालित

इस परियोजना में पंचायत क्षेत्र के जैविक कचरे और खाद्य अवशेषों का उपयोग कर पर्यावरण-अनुकूल खाद तैयार की जा रही है।
इससे स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी 30 ग्रामीण महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।

इस पहल ने “महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ग्राम विकास” की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।

महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की सहायता भी ली गई।

ग्राम प्रधान नीलम चौहान की भूमिका

ग्राम प्रधान श्रीमती नीलम चौहान के नेतृत्व और दूरदर्शिता से यह परियोजना सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।
उनकी सक्रिय भूमिका और पंचायती राज विभाग की तकनीकी सहायता के चलते संयंत्र नियमित और पारदर्शी ढंग से काम कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के लिए बना मॉडल उदाहरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर जी द्वारा ग्रामीण नवाचारों को प्रोत्साहन देने की नीति के तहत,

भरतपुर ग्राम पंचायत का यह जैव उर्वरक संयंत्र अब राज्यभर की अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन गया है।
यह पहल साबित करती है कि यदि इच्छाशक्ति और सामुदायिक सहभागिता हो, तो गांव आत्मनिर्भरता और स्वच्छता दोनों में अग्रणी बन सकते हैं।

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