योग कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए वर्षों से किया जाने वाला अभ्यास है। हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती से लेकर दिमाग को आराम देने और बेहतर नींद प्राप्त करने तक में इससे लाभ पाया जा सकता है। शरीर की स्ट्रेचिंग, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार करने तथा कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी योगासनों के विशेष लाभ हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को दैनिक फिटनेस रूटीन में योगासनों को शामिल करने की सलाह देते हैं। वीरासन योग के अभ्यास से कई प्रकार से लाभ मिल सकता है, इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाना लाभकारी माना जाता है।
वीरासन योग, आसान और प्रभावी योगाभ्यासों में से है जिसे सभी उम्र के लोग करके लाभ पा सकते हैं। पैरों के साथ शरीर के निचले हिस्से की मजबूती और बेहतर रक्त संचार के लिए इससे लाभ पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि वीरासन योग कैसे किया जाता है और इससे किस तरह के लाभ हो सकते हैं?
वीरासन योग के अभ्यास का तरीका
‘वीरासन’ संस्कृत का शब्द है। ‘वीर’ मतलब योद्धा और ‘आसन’ का अर्थ है ‘अभ्यास,’ यानी कि योद्धाओं के तरह का अभ्यास। इस योग के नियमित रूप से अभ्यास करने के कई लाभ हो सकते हैं। पहले इसका सही तरीका जान लेना आवश्यक है।
इसके लिए फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं। मजबूती से अपने पैरों केटॉप्स यानी उंगलियों को फर्श पर रखें। सुनिश्चित करें कि आप अपने पैरों पर नहीं बैठे हैं, बल्कि उनके बीच फर्श पर अपने पैरों के शीर्ष के साथ बैठे हैं। इसका अभ्यास 30 सेकेंड तक करें, इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं। योग के दौरान मन को केंद्रित रखें।
वीरासन योग से होने वाले लाभ
वीरासन योग कई प्रकार से सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है।
- यह अभ्यास जांघों, घुटनों और टखनों की स्ट्रेचिंग के लिए बेहतर है।
- पाचन में सुधार करने और गैस-कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है।
- रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।
- गर्भावस्था के दौरान सूजन और शारीरिक सक्रियता को बनाए रखने में इसके लाभ हो सकते हैं।
- उच्च रक्तचाप और अस्थमा के लक्षणों के लिए भी इस योग को किया जा सकता है।