मानस में समाज की प्रत्येक समस्या का समाधान है। सज्जन शक्ति का संरक्षण और दुर्जन शक्ति का प्रबल प्रतिकार करना भी मानस सिखाती है। नकारात्मक सत्ता को समाप्त कर शाश्वत सत्ता की स्थापना करना हर सज्जन शक्ति का दायित्व होना चाहिए। मंदबुद्धि और सनातन को नीचा दिखाने वाले लोग आज गोस्वामी तुलसीदास और उनकी विश्वविख्यात विरचित कृति श्रीरामचरितमानस पर प्रश्न उठा रहे हैं। उक्त वक्तव्य विख्यात मानस मर्मज्ञ मानस किंकर ने दिया। वह विश्व संवाद केंद्र अवध लखनऊ में आयोजित ‘मानवता का संविधान श्रीरामचरितमानस’ विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मानस में भारतीय समाज की प्रत्येक परंपरा का सर्वाधिक श्रेष्ठ उदाहरण विद्यमान है।