Thursday, October 17, 2024

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करौली बाबा से इलाज के लिए जेवर तक गिरवी रखे:परिवार का दावा-डेढ़ लाख देकर हवन कराया, उसी रात मौत हुई; प्रचार के लिए यू-ट्यूब पर वीडियो डाला

कानपुर के करौली आश्रम में नोएडा के डॉक्टर से मारपीट के बाद बाबा संतोष सिंह भदौरिया के इलाज पर सवाल उठने लगे हैं। ताजा मामला कानपुर कचहरी के पास छोले-भठूरे की दुकान लगाने वाले राजकुमार गुप्ता का सामने आया है। परिवार ने दावा किया है कि राजकुमार को सांस की बीमारी थी, इलाज के लिए बाबा के पास ले गए थे, पूजा कराया था।

लेकिन 1 महीने में ही उनकी मौत हो गई। राजकुमार की मौत के बाद प्रचार-प्रसार के लिए बाबा के लोगों ने यूट्यूब चैनल पर वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में बाबा ने राजकुमार की बीमारी ठीक करने का दावा किया था। वहीं एक अन्य मामले में कैंसर पीड़िता के लिए सुबह हवन कराया गया, उसी रात उस बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।

कानपुर के गुजैनी एफ ब्लॉक में रहने वाले अजय राठौर ने बताया कि कैंसर पीड़ित मां सुषमा को ठीक करने के लिए आश्रम में हवन-पूजन कराया गया था। इसके लिए डेढ़ लाख रुपए लिए थे। मगर हमारी मां की जान नहीं बच सकी।

मां को कैंसर था, लोगों से सुनकर आश्रम तक पहुंचे
अजय ने बताया कि उनकी मां को गले में कैंसर था। निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसके बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही थी। इस बीच मां ने यू-ट्यूब चैनल पर करौली सरकार के बारे में सुना। वहीं, इलाके के भी कई लोगों ने मां को करौली सरकार आश्रम ले जाने की सलाह दी। अजय के अनुसार बीमार मां को परिवार समेत लेकर आश्रम पहुंचे।

यहां बाबा के लोगों ने 2600 रुपए जमा कराकर करौली सरकार से मिलवाया, जिन्होंने कैंसर ठीक करने का दावा किया। बाबा से पूजा कराने का खर्च डेढ़ लाख था। 13 जनवरी को आश्रम में बुलाया गया था। जब हम पहुंचे तो कार्ड दिया गया। हवन में करीब 10 लोग बाबा की तरफ से बैठे थे।

अजय ने बताया कि शुरुआत के 9 दिनों की हवन की प्रति किट 3500 रुपए के हिसाब से खरीदी। इस बीच 14 जनवरी को अचानक मां की हालत बिगड़ी तो बाबा को बताया। लेकिन करौली सरकार से मिलने नहीं दिया गया। बाबा के लोगों ने बताया कि अगर तुरंत राहत चाहिए तो 1.51 लाख रुपए जमा कराकर हवन करा सकते हैं। रुपए जमा कराकर हवन कराया। इसके बाद 14 जनवरी को हमारी मां की मौत हो गई।

केस 2. इलाज के 1 महीने बाद हुई मौत
कानपुर कचहरी के पास राजकुमार छोले-भठूरे की दुकान है। उन्होंने सांस की बीमार का इलाज करौली बाबा से करवाया था। बाबा की तरफ से ठीक होने का आश्वासन मिला। लेकिन 1 महीने में ही राजकुमार की मौत हो गई। इसके बाद आश्रम के यू-ट्यूब चैनल पर राजकुमार के ठीक होने का वीडियो भी अपलोड किया गया।

दैनिक भास्कर ने राजकुमार की बेटी से इलाज के बाबत बात की। उन्होंने बताया कि हमारे पापा की मौत, इसी साल जनवरी लास्ट में हुई थी। पापा को सांस लेने में दिक्कत थी। इसका इलाज उन्होंने करौली सरकार आश्रम में भी कराया था। वहां इलाज कराने के करीब 1 महीने बाद ही उनकी मौत हो गई।

मौत के बाद चैनल पर अपलोड हुआ था वीडियो
करौली सरकार आश्रम में इलाज के लिए पहुंचने वाले हर एक व्यक्ति के इलाज की पूरी रिकॉर्डिंग की जाती है। इसको बाबा प्रचार-प्रसार के लिए अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड कराते हैं। करौली सरकार के यू-ट्यूब चैनल पर करीब 1 महीने पहले यानी फरवरी में राजकुमार गुप्ता का इलाज कराते हुए वीडियो अपलोड किया गया, लेकिन बेटी के मुताबिक जनवरी लास्ट में उनके पिता की मौत हो गई थी।

राजकुमार को देखकर बाबा फौरन ही पहचान जाते हैं। राजकुमार बाबा के सामने हाथ जोड़कर रोते हुए खड़े हैं। बाबा ने माइक पर सभी से कहा कॉलेज लाइफ में बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस लड़के जाते थे। हम लोगों को छोले-भठूरे खिलाते थे। बहुत प्रेम करता है, राजकुमार पैसे नहीं लेते थे।

अब आगे की बातचीत इस प्रकार है….

राजकुमार– गुरुजी (रोते हुए) सांस फूलती है।
बाबा– अब सब ठीक हो जाएगा। सीधे लेट जाओ।
बाबा- इलाज शुरू किया। सुश्रुत और दधीची सक्रिय… प्रहार। इनका स्वर और कंठ वोकल कार्ड ठीक कर दिया जाए। फेफड़े और सुंदर कर दिए जाएं, अच्छे, स्वस्थ। स्वांस नली और भोजन नली एक दम स्वस्थ कर दिए जाएं। ऊं कंकाल तंत्र सर्जरी। ऊं शिव बैलेंस।
बाबा- अब ये सर्जरी नए तरीके से हो रही है। जहर कंकाल के अंदर से निकाला जा रहा है। लेपन कर दिया जाए।
बाबा- राजकुमार से कहा 5 बार बोलो ऊं नम: शिवाय। 5 बार बंधन खींचो। करवट लेकर खड़े हो जाओ।
बाबा- अब राजकुमार तुम बिल्कुल टन हो। तुम बिल्कुल ठीक हो। अब कैसा लग रहा है।
राजकुमार- बहुत बढ़िया लग रहा है। कोटी-कोटी प्रणाम है।
बाबा- 15 से 20 दिन में आकर दिखा देना, लेपन करते रहना। खूब खुश रहो।

करौली सरकार आश्रम पर मध्य प्रदेश पुलिस के एक सिपाही का आरोप हैं कि बाबा ने लगभग 2 लाख लिए, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। आश्रम में और रुपए की मांग की जा रही थी, जिस वजह से उन्होंने उनके दरबार आना छोड़ दिया।

बताते चले मध्य प्रदेश के छतरपुर के रहने वाले प्रकाश नारायण भट्ट मध्य प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से करौली सरकार के बारे में सुना था। वहां के चमत्कार देखने के बाद वह अपना और अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए बाबा के आश्रम पहुंचे जहां बाबा के द्वारा 1 दिन की चिकित्सा कराने के लिए कहा गया जिसके बाद उन्होंने डेढ़ लाख रुपए से बाबा को ट्रांसफर किए।

आराम नहीं मिलने के बाद भी मांगे गए रुपए
उनका 1 दिन का हवन पूजन चला, लेकिन इससे उनको कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने बाबा से इस बारे में बताया तो बाबा ने कहा और रुपए देने पड़ेंगे। जिसके बाद उन्होंने बाबा को और पैसे दिए, लेकिन उनको न उनके परिवार में किसी को इससे लाभ मिला।

कोर्ट में परिवाद दाखिल करेंगे
प्रकाश नारायण ने बताया कि वह अब इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से करेंगे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के छतरपुर में जाकर वहां की कोर्ट से करौली बाबा के खिलाफ परिवाद भी दाखिल करेंगे। बताया कि पत्नी बीपी, शुगर, किडनी में स्टोन समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित थी। कई बार इलाज के बाद भी एक पैसे का फायदा नहीं मिला।

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