ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के मामले में हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद जहां आज सुबह सात बजे से ASI की टीम सर्वेक्षण कर रही है वहीं मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार कर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अर्जी दी है। इस मामले में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि सीएम योगी समाधान का प्रस्ताव रखें तो विचार कर सकते हैं।
पूरे भारत का मुसलमान संविधान की एक-एक लाइन को मानता है। इसकी मिसाल अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला है। संभव हो तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिमों की बड़ी बैठक बुलाएं। उनके सामने समाधान का अपना प्रस्ताव रखें। फिर उनकी बात पर विचार विमर्श किया जा सकता है।
उधर, जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबंद के सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि सर्वे को लेकर आया फैसला प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है। इसके मुताबिक 15 अगस्त 1947 यानी देश के आजाद होने के समय धार्मिक स्थलों की देश भर में जो स्थिति है, उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।
हाई अलर्ट पर जिला, धर्मगुरुओं से शांति की अपील
ज्ञानवापी में पुरातात्विक सर्वेक्षण के दृष्टिगत एक दिन पूर्व ही जिले में सुरक्षा को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया। थानों में मीटिंंग कर धर्मगुरुओं और सभ्रांत लोगों से अमन बनाए रखने और इसमें सहयोग की अपील की गई है। शांति समिति की बैठक के बाद एसीपी व थानेदारों ने अपने-अपने इलाके में मार्च कर सुरक्षा का संदेश दिया। शांति समिति की बैठक में भी अमन बनाए रखने में सहयोग की बात की। लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र में सहायक पुलिस आयुक्त डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ने मार्च करने के साथ लोगों से शांति की अपील की।




