उत्तरकाशी: जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री क्षेत्र की यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का सर्वोच्च ध्यान रखते हुए यात्रा के सुव्यवस्थित और सुचारू संचालन के लिए निरंतर मुस्तैद रहकर काम करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर तथा डंडी के संचालन के लिए रोटेशन एवं प्रीपेड व्यवस्था सख्ती से लागू करने की हिदायत भी दी है।
जिलाधिकारी डॉ. बिष्ट, यमुनोत्री धाम और इसके यात्रा मार्गों एवं पड़ावों पर यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण तथा समीक्षा करने के लिए गत दिन से यमुनोत्री क्षेत्र के भ्रमण पर हैं। अपने भ्रमण के दूसरे दिन आज उन्होंने रानाचट्टी, हनुमानचट्टी एवं जानकीचट्टी क्षेत्र में यात्रा व्यवस्थाओं की मौके पर जाकर पड़ताल की। हनुमानचट्टी में जिलाधिकारी ने जिला पंचायत एवं जल संस्थान के अधिकारियों की बैठक लेकर यात्रा से जुड़े इंतजामों को चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने घोड़े-खच्चरों और डंडी के संचालन के लिए तय की गई रोटेशन व्यवस्था और प्रीपेड व्यवस्था का पूरी तरह से अनुपालन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम की यात्रा के संचालन में जिला पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए जिला पंचायत को यात्रा प्रबंधों की बेहतर एसओपी बनाकर यह सुनिश्चित करना होगा कि पैदल मार्ग पर कोई अव्यवस्था उत्पन्न न हो और तीर्थयात्री सुगमता पूर्वक मंदिर के दर्शन कर सकें।
जिलाधिकारी ने बताया कि घोड़ा-खच्चर यमुनोत्री पैदल मार्ग पर यात्रा का प्रमुख माध्यम होने के साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका का भी साधन है। इसलिए घोड़ों के पड़ाव, उपचार एवं संचालन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देकर युक्तिसंगत रोटेशन व्यवस्था के अनुसार सभी घोड़ा संचालकों को आय अर्जित करने का अवसर दिया जाएगा।
जानकीचट्टी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने आस-पास के क्षेत्रों से नियमित रूप से प्लांट पर कूड़ा लाकर निस्तारित करने और इस प्लांट को पूरी क्षमता के साथ संचालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पंचायत को यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रीपेड और रोटेशन व्यवस्था पारदर्शी और गड़बड़ी रहित हो। इसके लिए प्रमुख जगहों पर दरों और रोटेशन की जानकारी देने वाले डिस्प्ले बोर्ड की स्थापना और प्रीपेड काउंटर पर सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए जाएं।
जिलाधिकारी ने घोड़ा-खच्चर जांच केन्द्र का मुआयना करते हुए कहा कि किसी भी दशा में बीमार और चोटिल घोड़े-खच्चरों को यात्रा के लिए प्रयोग न होने दिया जाए। उन्होंने पैदल मार्ग पर घोड़ों के लिए गीजर की व्यवस्था की नियमित निगरानी करने सहित यमुनोत्री में घोड़ा पड़ाव को अधिक व्यवस्थित करने की भी हिदायत दी। प्रीपेड काउंटर से लगी भूमि को घोड़ों के संचालन हेतु समतल और सुव्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारी ने यमुनोत्री पैदल मार्ग, सफाई, स्ट्रीट लाइट और विद्युत व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति, टॉयलेट्स तथा सूचना प्रसारण व्यवस्था के साथ ही डंडी प्रीपेड काउंटर की व्यवस्थाओं को भी मौके पर जाकर परखा। उन्होंने कहा कि जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री धाम तक समूचे पैदल मार्ग पर सूचनाओं के प्रसारण के लिए ध्वनि प्रसारण की केन्द्रीयकृत व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए जिला पंचायत को तुरंत व्यवस्था करने के निर्देश दिए और आवश्यक धनराशि स्वीकृत की जाएगी।
होटल व्यवसायियों के एक संगठन द्वारा यात्रियों के पंजीकरण और रोटेशन व्यवस्था को लेकर दिए गए ज्ञापन पर जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए ही पंजीकरण और रोटेशन व्यवस्था बनाई गई है। तीर्थयात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और बेहतर यात्रा व्यवस्था को देखते हुए धारा 144 के अंतर्गत वृहत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।