उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) में होने वाली धांधली को रोकने के लिए इलाहाबाद में छात्रों और छात्राओं द्वारा की गई शांतिपूर्ण मांग को राज्य पुलिस द्वारा हिंसक तरीके से दबाने का प्रयास अत्यंत निंदनीय है। यह घटना न केवल छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन की स्वतंत्रता पर भी कुठाराघात करती है।
अभ्यर्थियों ने अपनी आवाज़ को सही तरीके से उठाया था, और उनकी यह मांग बिल्कुल जायज़ थी कि UPPSC परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखी जाए। लेकिन प्रदेश पुलिस ने उनके शांतिपूर्ण आंदोलन पर लाठीचार्ज करके उनकी आवाज़ को दबाने का प्रयास किया।
यह कृत्य लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। छात्रों का संघर्ष सिर्फ अपनी न्यायसंगत मांगों के लिए था, न कि किसी प्रकार की हिंसा या अराजकता फैलाने के लिए। ऐसे में पुलिस का हिंसक रुख ना केवल उनकी हिम्मत तोड़ता है, बल्कि पूरे प्रदेश में सरकार की छवि पर भी सवाल उठाता है।
हम उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करते हैं कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, UPPSC में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।