उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया। यह विशेष आयोजन जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया, जिसमें जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और मातृभूमि की रक्षा हेतु सतत संघर्षरत भगवान बिरसा मुंडा जी के महान योगदान को याद किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने संबोधन में कहा, “भगवान बिरसा मुंडा हमारे देश की जनजातीय विरासत और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने संघर्ष से न केवल आदिवासी समाज को जागरूक किया, बल्कि मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने। उनकी जयंती पर यह उत्सव उनकी विचारधारा और बलिदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास है।”
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों और देशों से आए जनजातीय प्रतिनिधियों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। उत्सव में आदिवासी कलाओं, हस्तशिल्प, और पारंपरिक संगीत का विशेष प्रदर्शन किया गया, जो भारतीय जनजातीय संस्कृति की विविधता को दर्शाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने ‘जनजातीय गौरव’ के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदायों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है।
अंतर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव में कई गणमान्य अतिथियों, जनजातीय विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री जी ने बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।