• फिल्म जगत को बड़ा झटका: 87 वर्षीय दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का हुआ निधन
  • देशभक्ति फिल्मों के लिए मशहूर: ‘भारत कुमार’ के नाम से प्रसिद्ध थे मनोज कुमार
  • फैंस और सेलिब्रिटीज़ ग़मगीन: सोशल मीडिया पर शोक की लहर
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि: अनदेखी तस्वीर शेयर कर जताया गहरा दुख
  • सिनेमा जगत में अविस्मरणीय योगदान: ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों से बनाई खास पहचान

नई दिल्ली – हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और लेखक मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1957 में फिल्म ‘फैशन’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले मनोज कुमार ने भारतीय सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत फिल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाता था।

दिलीप कुमार से प्रेरित होकर अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले मनोज कुमार बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे—अभिनेता, निर्देशक, स्क्रीनराइटर, गीतकार और संपादक के रूप में उन्होंने इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी।

बीते कुछ समय से बीमार चल रहे मनोज कुमार को मुंबई के अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर से फिल्म जगत, राजनीति और उनके असंख्य चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोज कुमार के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट पर दो दुर्लभ तस्वीरें साझा कीं। एक तस्वीर में युवा मनोज कुमार कुछ लोगों के साथ बैठे हैं, जबकि दूसरी में प्रधानमंत्री मोदी उनसे हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं।

पीएम मोदी ने लिखा,

“बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और फिल्ममेकर मनोज कुमार जी के निधन की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं”। वह बी भारतीय सिनेमा के वह आइकॉन थे, जिन्होंने देशभक्ति की भावना को जगाने वाली फिल्मों के लिए याद किया जाता है। मनोज कुमार जी का सिनेमा मन में राष्ट्रीय गर्व की भागना जगा देता था। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति”। 

मनोज कुमार की यादगार फिल्में

मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ (1965) ने उन्हें देशभक्त अभिनेता के रूप में स्थापित किया। इसके बाद ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्में भी ऐतिहासिक साबित हुईं।
उनके गाए हुए देशभक्ति गीत ‘भारत का रहनेवाला हूं’ और ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ आज भी राष्ट्रीय पर्वों पर बजते हैं और देशवासियों के दिलों में जोश भर देते हैं।

मनोज कुमार के निधन से भारतीय सिनेमा ने एक अमूल्य रत्न खो दिया है। उनके द्वारा बनाई और निभाई गई देशभक्ति की छवि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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