सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पटौदी परिवार के वारिस हैं। नवाबों के खानदान के होने के बावजूद उन्होंने अपने दम पर पहचान बनाई हैं। बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमला हुआ है जिसकी वजह से वह सुर्खियों में बने हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सैफ के घर में चोर घुस गए थे और उसने सैफ पर चाकू से 6 बार हमला किया।
सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पटौदी परिवार के वारिस हैं। नवाबों के खानदान के होने के बावजूद उन्होंने अपने दम पर पहचान बनाई हैं।
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमला हुआ है, जिसकी वजह से वह सुर्खियों में बने हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सैफ के घर में चोर घुस गए थे और उसने सैफ पर चाकू से 6 बार हमला किया। सैफ फिलहाल मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती है। ऐसे में उनके पुराने किस्से फिर से सामने आ रहे हैं।
पिता और दादा के क्रिकेटर होने के बावजूद सैफ क्यों एक्टिंग प्रोफेशन में गए, इसका सवाल हर किसी के मन में जरूर आता है, लेकिन इसके बारे में डिटेल बेहद ही कम लोग जानते हैं। आइए जानते हैं क्यों सैफ अली खान क्रिकेटर नहीं बने?
Saif Ali Khan ने क्यों क्रिकेट को नहीं बनाया अपना प्रोफेशन?
दरअसल, कपिल शर्मा शो में एक बार सैफ अली खान (Saif Ali Khan Cricket Connection) ने इस सवाल का जवाब दिया था कि उन्होंने क्यों क्रिकेटर बनने का नहीं सोचा? उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरे पास क्रिकेट जैसे खेल के लिए आवश्यक मानसिक ध्यान नहीं था। यह मेरे मानसिक रूप से ठीक नहीं था।
मुझे उन्हें (पिता को) क्रिकेट खेलते हुए देखना पसंद था और मेरा मानना है कि एक्टिंग को चुनना मेरे लिए सही फैसला था। कपिल शर्मा शो में उन्होंने कहा कि कई लोगों का मानना है कि उन्हें अपनी मां की तरफ से क्रिकेट की क्षमता विरासत में मिली है, लेकिन उन्होंने कभी भी खेल के साथ एक मजबूत मानसिक जुड़ाव महसूस नहीं किया।
बता दें कि सैफ अली खान के दादा, इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत और इंग्लैंड दोनों टीमों के लिए क्रिकेट खेले। 1946 में भारत की क्रिकेट टीम के कप्तान थे। इस वजह से ये कहा जाता है कि पटौदी परिवार के डीएनए में क्रिकेट हैं।
अपने बेटे तैमूर अली खान को क्रिकेटर बनाना चाहते हैं सैफ
करीना कपूर खान और सैफ अली खान अपने बच्चों को हर तरह की ट्रेनिंग दिलाते रहते हैं। तैमूर अली खान को सैफ अली खान क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं। उनके कई वीडियो देखे गए हैं ,जिसमें सैफ अपने बेटे को विरासत में मिले क्रिकेट के बारे में बताते हैं। उन्होंने गर्व से कहते हुए देखा गया कि काउंटी क्लब की तरह हैं। ससेक्स, वॉर्सेस्टरशायर की तरह। आपके परदादा वॉर्सेस्टरशायर के लिए खेलते थे। आपके दादा ने ससेक्स की कप्तानी की थी।