अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की बेटी श्वेता बच्चन नंदा ने हाल ही में अपने बच्चों के बारे में बात की। बातचीत के दौरान श्वेता ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने बेटे और बेटी की परवरिश एक जैसी नहीं कि, वो हमेशा नव्या को लेकर सख्त रहीं हैं।
महिलाओं के मजबूत और सतर्क रहना चाहिए- श्वेता बच्चन
जर्नलिस्ट बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में जब श्वेता से सवाल किया गया कि क्या वो अपने बेटे अगस्त्या की तुलना में अपनी बेटी नव्या पर ज्यादा सख्ती करती हैं? इस पर श्वेता ने हामी भरते हुए कहा- मैं नव्या पर सख्त रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह दुनिया महिलाओं के लिए इतनी आसान नहीं है। इसलिए आपको उतना ही मजबूत,सतर्क और सावधान रहना चाहिए।’
नव्या और अगस्त्या दोनों का स्वभाव काफी अलग है- श्वेता बच्चन
श्वेता ने आगे कहा- ‘ नव्या और अगस्त्या दोनों का स्वभाव भी काफी अलग है। मुझे लगता है कि कि अगस्त्या काफी मेच्योर हैं। वहीं नव्या थोड़ी भोली है और मैं उसके कुछ खास दोस्तों और करीबियों पर ज्यादा भरोसा नहीं करती हूं। मैं चीजों के बारे में थोड़ी सावधान रहती हूं और उससे बात भी करती हूं।’
‘हां लेकिन मैं यह जरूर कहना चाहूंगी कि उसे अपनी जिंदगी जीने की पूरी आजादी है, जैसा वो चाहती है।’
श्वेता ने नव्या से जुड़ा किस्सा शेयर करते हुए बताया कि काफी समय पहले उन दोनों के बीच पियर्सिंग को लेकर बड़ी बहस हुई थी। उन्होंने कहा- ‘मैं नव्या की बेली पियर्सिंग के सख्त खिलाफ थी, इसके बावजूद उसने इसे किया था और मैंने अपनी जिद्द से इसे हटवा दिया।’
नव्या का स्वभाव मेरी मां जैसा है- श्वेता बच्चन
मां जया से नव्या के स्वभाव की तुलना करते हुए श्वेता ने कहा- ‘मुझे लगता है कि नव्या को मेरी मां से बहुत कुछ मिला है। उनकी तरह ही नव्या में दृढ़ विश्वास है, जिसे तोड़ना बहुत मुश्किल है। वो अपनी चीजों को लेकर काफी पैशनेट और मुखर है। वो उन मुद्दों पर खुलकर बात करती है, जिसमें उसका विश्वास होता है। मैं बहुत शर्मीली हूं और यह सब मेरे जैसे इंसान के लिए अच्छा नहीं है।’
नव्या को थी मां से भेदभाव की शिकायत
दरअसल, कुछ समय पहले नव्या ने ‘शी दा पीपल’ को दिए इंटरव्यू में बताया था कि लड़की होने की वजह से उनके साथ घर पर कई बार भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा था- ‘मैंने अपने घर पर ऐसा होते देखा हैं, जब भी कोई मेहमान आते थे, तो मेरी मां हमेशा मुझे कुछ न कुछ लाने के लिए कहती थी। वहीं मेरे भाई के साथ ऐसा नहीं होता था, हमेशा मुझे ही होस्ट की तरह सभी स्वागत करना होता था।