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मिशन कर्मयोगी कार्यशाला, उत्तर प्रदेश में नगरीय प्रशासन को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल

  • यूपी के नगर निकायों के सभी प्रतिनिधियों ने लिया कार्यशाला में भाग
  • भारत सरकार के क्षमता निर्माण आयोग के सहयोग से हुआ कार्यशाला का आयोजन
  • आईजीओटी कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नगरीय प्रशासन के अधिकारियों के लिए साबित होगा वरदान
  • नगरीय प्रशासन के लिए परिवर्तनकारी पहल है मिशन कर्मयोगी

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नगर विकास विभाग ने मिशन कर्मयोगी के तहत एक ऐतिहासिक दो-दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। भारत सरकार के क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन 24-25 जून को राजधानी, लखनऊ स्थित नगरीय स्थानीय निकाय निदेशालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यशाला प्रदेश में नगरीय शासन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत है

यूपी के सभी नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

नगर विकास विभाग द्वारा आयोजित मिशन कर्मयोगी क्षमता निर्माण कार्यशाला में प्रदेश के सभी 18 मंडलों के 762 नगरीय स्थानीय निकायों के नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में प्रदेश के नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों सहभागिता कर नगरीय प्रशासन में एकरूपता और क्षमता विकास हेतु राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित किया।
मिशन कर्मयोगी कार्यशाला का पाठ्यक्रम नगरीय प्रशासन की प्रमुख चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। जिसमें मिशन कर्मयोगी के मूल सिद्धांतों और दक्षता-आधारित शिक्षण ढांचे पर विशेष जोर दिया गया। कार्यात्मक, क्षेत्र-विशेष और व्यवहारिक कौशलों को विकसित करने वाले कर्मयोगी दक्षता ढांचे को कार्यशाला का आधार बनाया गया।

आईजीओटी कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का हुआ लाइव प्रदर्शन

कार्यशाला का मुख्य आकर्षण आईजीओटी कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाइव प्रदर्शन था। जिसे मिशन कर्मयोगी के मुख्य परिचालन अधिकारी राकेश वर्मा ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह मंच नगरीय अधिकारियों को भूमिका-आधारित और मॉड्यूलर शिक्षण सामग्री प्रदान करता है। जिसमें नगरपालिका वित्त प्रबंधन, ई-गवर्नेंस, शहरी लचीलापन और नागरिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। यह मंच उत्तर प्रदेश के 10 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों को जोड़ चुका है।विशेषज्ञों द्वारा संचालित तकनीकी सत्रों में समकालीन शहरी चुनौतियों जैसे सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाएं, नागरिक भागीदारी आधारित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि विषयों पर गहन चर्चा हुई। साथ ही सीएमएनएसवाई, सीएमवीएनवाई जैसी योजनाओं की समीक्षा ने नीति-निर्माण और कार्यान्वयन में बेहतर समन्वय को रेखांकित किया।

नगरीय प्रशासन के लिए परिवर्तनकारी पहल है मिशन कर्मयोगी

केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यशाला की महत्ता को और बढ़ाया। सीबीसी की सदस्य डॉ. अलका मित्तल ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। वहीं नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात , सचिव अनुज कुमार झा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लेकर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि मिशन कर्मयोगी उत्तर प्रदेश के शहरी प्रशासन के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है। यह विशेष रूप से छोटे नगरीय निकायों में संस्थागत क्षमता को सशक्त बनाकर सतत शहरी विकास और नागरिक सेवा प्रदायगी को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल स्मार्ट सिटी विकास, लचीलापन निर्माण और बेहतर सेवा वितरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य को सशक्त बनाएगी और अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करेगी। नगर विकास विभाग की यह कार्यशाला सहयोगात्मक संघवाद की भावना को दर्शाते हुए शहरी भारत में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में उत्तर प्रदेश के नेतृत्व को मजबूत बनाती है। आगामी चरणों में प्रशिक्षण के प्रभावों की निगरानी, निरंतर पाठ्यक्रम सुधार और जमीनी कार्यान्वयन समर्थन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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