मेरठ दौराला में शुक्रवार को कोल्ड स्टोरेज में अचानक गैस का बायलर फटने से सब सुन्न पड़ गए। 1 सेकंड में पूरी बिल्डिंग गिर गई। पता ही नहीं चला क्या हुआ, कैसे हुआ। ऐसा लगा किसी ने बम ब्लास्ट कर दिया था। घटना के समय कोल्ड स्टोर में अंदर मजदूर मौजूद थे।

दोपहर में लंच का वक्त था, मजदूर खाना खा रहे थे, कुछ खाना बना रहे थे। अचानक लेंटर गिरा और सभी मलबे में दब गए। किसी के मुंह में रोटी का टुकड़ा फंसा रह गया, तो किसी की रोटी थाली में रखी रह गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाए गए मजदूरों से दैनिक भास्कर ने हादसे की आंखों देखी समझने की कोशिश की।

जम्मू उधमपुर के रतन सिंह ने बताया कि हम 27 लोग ठेकेदार के साथ यहां मेरठ आज ही आए थे। हम पहली बार यहां काम करने आए हैं। हमें यहां आलू चुगाई का काम करना था। हम लोग कोल्ड स्टोर पर सुबह आकर उतरे थे। दोपहर में खाने की तैयारी हो रही थी। चूल्हा जलाया ही था। पता नहीं अचानक क्या हुआ, तेज आवाज आई और छत गिर पड़ी। हम मलबे में दबे मिले, बस यही याद है। हमारे कई साथी घायल हैं अस्पताल में हैं। कुछ मर गए।
हादसे में घायल गोपाल को हाथ और पैर में चोटें लगी हैं। गोपाल ने बताया रोटी खाकर बैठे थे। दूसरे मजदूर साथी बोरी से पिट्ठू तैयार कर रहे थे। अचानक आवाज हुई और इमारत गिर गई। कोई नहीं समझ पाया क्या हुआ। कई साथी मलबे में दब गए बाकी पता नहीं चला। कुछ लोग लांदर गांव से भी आए थे।
घायल नवरतन चंद को पैर और गले में काफी चोट आई है। नवरतन ने बताया हम खाना बना रहे थे। चूल्हा जलाया था बिल्डिंग गिर गई। ऐसा लगा भूकंप आया हो हमारा सारा सामान, बैग, पैसे भी दब गए। हम बहुत गरीब हैं, अब समझ नहीं आ रहा क्या करें।
जम्मू से आए काकाराम ने बताया, काम करने आए थे, लेकिन यहां हमारे साथियों के साथ ऐसा होगा सोचा नहीं था। एक महीने के लिए हमें यहां काम करना था। हम 4 ट्रॉली खाली कर चुके थे, उसके बाद आराम कर रहे थे। तभी अचानक तेज आवाज हुआ। हमारा सारा सामान भी दब गया।
लेबर ठेकेदार जगदीश सिंह ने बताया, आज सुबह ही पहुंचे थे। लेबर खाना बना रहे थे। कुछ खाना खाकर आराम कर रहे थे। 10 साल पहले काम के लिए आया था, अब दूसरी बार आया हूं। मैं मजदूरों का कुछ सामान लेने गया था, अचानक फोन आया बिल्डिंग गिर गई तो यहां भागा।
मेरठ डीएम ने लेंटर गिरने के पूरे हादसे पर एक जांच कमेटी गठित की है, जिसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी है। जिसमें यह बताया जाए कि ये हादसा था या कोई साजिश। देर रात डीएम, एसएसपी मेडिकल अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर भी मेडिकल अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। प्रशासन ने बच्चा पार्क रैन बसेरा और कोल्ड स्टोर के बगल में डीपीएस स्कूल में दो जगहों पर शेल्टर होम बना दिया है। ताकि घायलों, मृतकों के परिजनों को यहां रुकवाया जा सके।
इनकी हुई मौत
1- बलबंत पुत्र शरणदास
2 – बलदेव पुत्र रुमाल
3 – बलवीर सिंह पुत्र बंशी लाल
4 – सतपाल पुत्र जगतराम
5 – कालू पुत्र किच्चू
6 – रमेश पुत्र प्रेम
7 – होशियार सिंह पुत्र अज्ञात
घायल मजदूर
1 – काका राम
2 – रमेश
3 – श्याम लाल
4 – सूरज
5 – सुदेश
6 – पवन
7 – धार सिंह
8 – ऋषिपाल