spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

योगी सरकार गैंडों के संरक्षण के लिए बनायेगी नये राइनो रिहैब्लिटेशन सेंटर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने गैंडों और अन्य संकटग्रस्त वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास के संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्ययोजना शुरू की है। इस पहल के तहत लखीमपुर के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में गैंड़ो के संरक्षण के लिए 2 नये राइनो रिहैब्लिटेशन सेंटर (आरआरए) बनाये जाएगें। इस परियोजना के लिए विभाग को 1 करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। जो प्रदेश में गैंडों और अन्य संकटग्रस्त वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास के दीर्घकालिक संरक्षण, उनकी निगरानी के लिए प्रशिक्षण कार्य, औषधी और उपकरणों की खरीद के लिए प्रयोग की जाएगी। साथ ही इस धनराशि का प्रयोग स्थानीय समुदाय के लोगों को गैंड़े व अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के कार्य में भी व्यय की जाएगी।

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के संरक्षण के लिए बनेंगे 2 नये आरआरए
उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में वन एवं वन्य जीव विभाग ने गैंडों व अन्य संकटग्रस्त वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास के दीर्घकालिक संरक्षण की परियोजना शुरू की है। ये परियोजना विशेष तौर पर दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में कार्यान्वित की जाएगी। इस कार्य योजना का मुख्य उद्देश्य गैंडों के प्राकृतिक आवास के संरक्षण के लिए दीर्घकालिक उपाय सुनिश्चित करना है। इस संबंध में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के डिप्टी डायरेक्टर रंगाराजू ने बताया कि इस परियोजना के लिए 1करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिससे दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों व अन्य संकटग्रस्त वन्य जीवों के लिये 2 नये प्राकृतिक पर्यावास, राइनो रिहैब्लिटेशन सेंटर बनाये जाएगें।

इसके पहले राष्ट्रीय उद्यान में आरआरए- 1 और 2 राइनो रिहैब्लिटेशन एरिया बनाये गये थे।वर्तमान में इसी के अनुरूप आरआरए- 3 और 4 को तैयार किया जाएगा। जहां गैंडों को खुले जंगल में विशेष मानिटरिंग के अंतर्गत रखा जाएगा। जिससे वो प्राकृतिक वातावरण में अपने स्वाभाविक व्यवहार के साथ रह सकें। इसके साथ ही क्षेत्र के अन्य संकटग्रस्त वन्यजीवों का भी संरक्षण किया जाएगा।

यूपी में गैंडों के संरक्षण और अवैध शिकार पर रोक के लिए आवंटित की गई धनराशि
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि आवंटित धनराशि का उपयोग गैंडों के पर्यावास संरक्षण के विभिन्न कार्यों में किया जाएगा। परियोजना के तहत 1.27 करोड़ रुपये उनके प्राकृतिक आवास, जलाशयों और अनुकूल वनस्पतियों एवं क्षेत्र के रख रखाव के लिए आवंटित किया गया है। जबकि लगभग 7 लाख रुपये वन्य जीवों की औषधि और रसायन के लिए, 4.80 लाख रुपये वृहत् निर्माण और 3 लाख रुपये लघु निर्माण कार्य के लिए रखे गये हैं।

इनमें से 7 लाख रुपये मशीनों, मानिटरिंग के उपकरणों और संयंत्रों के लिए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य गैंडों के आवास के दीर्धकालिक संरक्षण के साथ उनके अवैध शिकार और उनके अंगों के अवैध व्यापार को रोकने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने में भी किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय समुदाय के लोगों को संरक्षण कार्यों में शामिल करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। योगा सरकार की यह पहल न केवल प्रदेश में गैंडों की आबादी को बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि इन क्षेत्रों की समग्र जैव-विविधता को भी संरक्षित करेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles