JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर रखा गया है। गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शरद का गुरुवार की रात 75 साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। एमपी के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सिंगापुर से लालू ने शरद यादव को भावुक विदाई दी। एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि ऐसे अलविदा नहीं कहना था भाई। लालू ने वीडियो मैसेज में कहा, ‘शरद यादव जी, बड़े भाई की मृत्यु की खबर सुनकर मैं काफी विचलित हूं। मुझे काफी धक्का लगा है। शरद यादव जी, मुलायम सिंह यादव जी, नीतीश कुमार जी और बहुत सारे लोग डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नेतृत्व में हम राजनीति करते आ रहे हैं। एकाएक खबर लगी की वो हमारे बीच अब नहीं रहें।’
उन्होंने कहा, ‘ वे महान समाज वादी नेता थे। स्पष्टवादी थे। शरद जी और हम कभी- कभी लड़ भी लेते थे। बोलने के मामले में विचारों को रखने के मामले में, लेकिन लड़ाई का कोई दूसरा कटु महत्व नहीं रहता था। लाखों लाख मित्रों को छोड़कर के वो हम लोगों के बीच से उठ गए । मैं भगवान से प्रथाना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।’ सिंगापुर में लालू की किडनी का इलाज चल रहा है। दोनों पिछले 50 साल से दोस्त थे।

शरद लंबे समय से बीमार थे, बेटी ने दी निधन की जानकारी
शरद यादव का गुरुवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था। उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। शुभाषिनी ने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे’। उनकी उम्र 75 साल थी।
शरद लंबे से किडनी से जुड़ी समस्याओं से परेशान थे। उनको डायलिसिस दिया जा रहा था। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें गुरुवार को अचेत अवस्था में फोर्टिस में आपात स्थिति में लाया गया था। वे मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम( होशंगाबाद) जिले में स्थित बाबई के रहने वाले थे। उनका जन्म 1 जुलाई 1947 को किसान परिवार में हुआ।