ट्रांसफर रुकवाने के लिए बच्चे अभिभावकों के साथ पहुंचे बीएसए ऑफिस
शिक्षक राकेश विश्वकर्मा की विदाई पर स्कूल के बच्चे फूट-फूटकर रोए। शिक्षक का ट्रांसफर रुकवाने के लिए बच्चे अभिभावकों के साथ बीएसए ऑफिस पहुँचे। बुधवार को लगभग छह साल बाद कम्पोजिट विद्यालय सनैया जट से ट्रांसफर हुआ। शिक्षक की विदाई हुई तो राकेश स्कूल के बच्चे फूट-फूटकर रोए। शिक्षक राकेश विश्वकर्मा की आँखें भर आई। शिक्षक ने बताया कि मेरे लिये बहुत ही मुश्किल पल था। विदाई का पल ऐसा होता है जो शायद ही कोई अपनी जिंदगी लाना चाहे। लेकिन, आज अंत: जनपदीय ट्रांसफर में दूसरे विद्यालय में जाना हुआ।
जट के बच्चों उनके अभिभावक, स्टाफ, ग्राम प्रधान, रसोइया समेत समस्त विद्यालय परिवार ने हमेशा मुझे असीम प्यार और दुलार दिया जिसकी मैं कल्पना भी कर सकता था। मैंने इन छह सालों में सनैया जट के बच्चों और विद्यालय का नाम बुलंदियों को छूते हुए देखा है और मुझे गर्व है कि मैं उसका हिस्सा रहा। आज मैं जो कुछ भी हूँ जो भी मेरी एक आदर्श शिक्षक के रूप में पहचान हुई या मुझे सम्मानित होने का मौका मिला तो उसका सारा श्रेय सनैया जट को ही जाता है। ये मेरे जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हे रहे। मेरे प्यारे बच्चों तुम लोग बहुत याद आओगे। लेकिन दुआ है कि आप लोग और सनैया जट का नाम ऐसे ही हमेशा बुलंद रहे
