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सीएम योगी पौधरोपण अभियान: 37 करोड़ पौधों से यूपी ने रचा नया इतिहास

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाया जा रहा पौधरोपण अभियान

अब एक विशाल जनांदोलन का रूप ले चुका है। नदियों के किनारे, विद्यालयों,

मंदिरों और कस्बों तक हरियाली फैलाने का संकल्प पूरे राज्य में जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ रहा है।

यह अभियान उत्तर प्रदेश वानिकी विभाग के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम साबित हो रहा है।


11 नदियों के किनारे वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने लगाए 51 लाख पौधे

वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक, जो बदायूं की एक प्रेरणादायक मोटिवेशनल स्पीकर हैं,

उन्होंने 11 प्रमुख नदियों के तट पर 51 लाख पौधे लगाकर इस अभियान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

उन्होंने पंचतत्व संस्था के माध्यम से एक करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है।

यह मॉडल राज्य के नदी पुनर्जीवन अभियान से भी मेल खाता है।


‘खाकी ट्री मैन’ की अनोखी पहल: 4.7 लाख पौधे

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कार्यरत पर्यावरण प्रभारी मुकेश बाबू सिंह चौहान,

जिन्हें ‘खाकी वाले ट्री मैन’ के नाम से जाना जाता है,

अपनी मां की स्मृति में अब तक 4.7 लाख पौधे लगाए हैं।

यह पहल मुख्यमंत्री हरित उत्तर प्रदेश योजना के तहत शुरू की गई थी।


एक दिन में 37 करोड़ पौधे: योगी का विश्व कीर्तिमान

9 जुलाई 2025 को ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत 37 करोड़ पौधे एक ही दिन में

लगाकर उत्तर प्रदेश ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया।

इसमें 75 जिलों, 26 विभागों और करोड़ों नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रही।

यह उपलब्धि राज्य सरकार की हरियाली नीति की सफलता को दर्शाती है।


सीएम योगी पौधरोपण अभियान बना प्रेरणा स्रोत

उत्तर प्रदेश का यह मॉडल अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है।

महाराष्ट्र की सुजाता सिंह जैसी सामाजिक कार्यकर्ता भी इस अभियान से जुड़ चुकी हैं।

जन्मदिवस, त्योहार और महापुरुषों की जयंती जैसे अवसरों पर पौधारोपण को एक परंपरा बना दिया गया है।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए देखें: योगी सरकार की हरियाली नीति पर विशेष रिपोर्ट


हर व्यक्ति बन रहा हरियाली का ब्रांड एंबेसडर

इस अभियान में सीआईएसएफ, इसरो, पीएसी, सीबीसीआईडी जैसी एजेंसियां,

स्कूल-कॉलेज, पंचायतें और आमजन सभी शामिल हैं। लखनऊ, सीतापुर,

इटावा, बाराबंकी जैसे जिलों में मुफ्त पौधे वितरित कर रोपे जा रहे हैं।

यह प्रयास गांवों के विकास से जुड़े पर्यावरणीय प्रयासों से जुड़ा हुआ है।


मलिहाबाद की नर्सरी से जुड़े स्कूली बच्चे

मलिहाबाद में विशेष पौधों की नर्सरी तैयार की गई है,

जहां स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा देते हुए स्वयं उनके हाथों से पौधे लगवाए जा रहे हैं।

यह बच्चों को बचपन से प्रकृति के प्रति ज़िम्मेदार बना रहा है।

यह कदम स्कूलों में हरित शिक्षा कार्यक्रम के अनुरूप है।


संत समाज भी हुआ शामिल: प्रयागराज में सप्तर्षि वाटिका

प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर में पूज्य महंत बलवीर गिरी जी के नेतृत्व में सप्तर्षि वाटिका में तुलसी, बेल,

शमी जैसे धार्मिक और औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। गंगा सेवक मानस चिरविजय ने इसे एक

“आध्यात्मिक यज्ञ” की संज्ञा दी है। इस प्रयास को

धार्मिक स्थलों पर हरियाली बढ़ाने की योजना से भी जोड़ा जा रहा है।


अयोध्या में बना पौधरोपण आंदोलन

अयोध्या में स्वामी दिलीप दास त्यागी ने अब तक 1 लाख पौधे रोपकर

इस अभियान को जन-आंदोलन बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह हरित अभियान

आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और हरित वातावरण तैयार कर रहा है।


पौधे लगाने से ज्यादा ज़रूरी है उनकी देखभाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति सिर्फ पौधे लगाने की नहीं,

बल्कि हर पौधे को जीवित रखने की जिम्मेदारी भी तय करती है।

स्कूलों, कॉलेजों, पंचायत भवनों, थानों और सड़कों के किनारे लगाए गए

पौधों की सिंचाई, सुरक्षा और संरक्षा की योजना पहले से ही तैयार की गई है।

इस पर विस्तृत जानकारी उत्तर प्रदेश ग्रीन गार्ड नीति दस्तावेज में उपलब्ध है।

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