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हम ना मारब मरिहैं राम… पूर्व MLA कृष्णानंद राय की पत्नी अलका ने मुख्तार की मौत पर जय श्रीराम कह दिया

Krishnanand Rai Wife Reaction: पूर्व BJP विधायक अलका राय ने फेसबुक पर दिवंगत पति कृष्णानंद राय की तस्वीर लगाई। तस्वीर के साथ ही अलका ने लिखा- हम ना मारब मरिहैं राम.. जय श्रीराम। इसके बाद उन्होंने अलग पोस्ट में लिखा- होइहि सोइ जो राम रचि राखा।

हाइलाइट्स

  • मोहम्मदाबाद से पूर्व विधायक अलका राय ने जाहिर की खुशी
  • मुख्तार अंसारी की मौत पर बोलीं- हम ना मारब मरिहैं राम
  • दिवंगत BJP विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं अलका राय

गाजीपुर: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) अब इस दुनिया में नहीं है। गाजीपुर से लेकर लखनऊ तक अंसारी का मुकाबला कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) के साथ रहा। 2005 में बीजेपी के विधायक रहे कृष्णानंद राय को गाजीपुर में बेरहमी से मार डाला गया था। इस मामले में आगे चलकर मुख्तार को सजा भी हुई। अब जेल में हुई मौत के बाद कृष्णानंद की पत्नी अलका राय (Alka Rai) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुशी जाहिर की है।

गुरुवार की रात में मुख्तार की मौत की सूचना मिलने के बाद पूर्व विधायक अलका राय ने फेसबुक पर दिवंगत पति कृष्णानंद राय की तस्वीर लगाई। तस्वीर के साथ ही अलका ने लिखा- हम ना मारब मरिहैं राम.. जय श्रीराम। इसके बाद उन्होंने अलग पोस्ट में लिखा- होइहि सोइ जो राम रचि राखा।

गौरतलब है कि बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत गुरुवार को हो गई। मुख्तार के मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है। बताते चलें कि बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्याकांड में मुख्तार का नाम आया था। मुख्तार की मौत पर कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि भगवान के दरबार मे देर है,अंधेर नहीं।

अलका राय के बेटे की भी प्रतिक्रिया

कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीयूष के अनुसार भगवान के दरबार में देर है,अंधेर नहीं। रमजान के पवित्र माह में अल्लाह या भगवान ने इंसाफ किया है। पीयूष के अनुसार उनके लिए अल्लाह और भगवान एक ही हैं। भगवान के दरबार से उन्हें न्याय मिला है। पीयूष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि कर्म के दायरे से जब तुम उतरोगे, तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी।

गाजीपुर में हुई थी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या

कृष्णानंद राय हत्याकांड की हत्या तब हुई थी, जब वह एक क्रिकेट मैच का उद्धघाटन कर वापस आ रहे थे। साल 2005 में 29 नवंबर के दिन उनकी हत्या हुई थी। बताते चलें कि स्वचालित राइफल से कृष्णानंद राय के काफिले पर करीब 500 राउंड गोली चलाई गई थी।

इस मामले में बताया जाता है कि 2002 में मुहम्मदाबाद सीट से विधायकी का चुनाव कृष्णानंद राय जीत गए थे। राय की जीत अंसारी को नागवार गुजरी। इस सीट पर मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की हार हुई थी। इसी सियासी हार को अंसारी और राय के बीच दुश्मनी की बड़ी वजह बताई गई थी। इसके अलावा दोनों के बीच इलाकाई वर्चस्व की लड़ाई भी चल रही थी।

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