- महा कुंभ मेला 2025 में पीएसी जवानों ने दिखाया साहस, महिला की जान बचाई
- झूसी साइड पुल नंबर 11 और शास्त्री ब्रिज के बीच महिला गहरे पानी में डूबने लगी
- आरक्षी सूरज गुप्ता ने तत्काल पानी में कूदकर महिला की जान बचाई
- 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ के जवानों की बहादुरी की पूरे क्षेत्र में हो रही सराहना
- सुरक्षा तंत्र की तत्परता से कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित
महाकुंभ मेला 2025 में पीएसी बल ने अपने साहस और समर्पण से श्रद्धालुओं की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मौनी अमावस्या अमृत स्नान के दौरान पीएसी जवानों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की।
महिला की जान बचाने में साहसिक प्रयास
गुरुवार को झूसी साइड पुल नंबर 11 और शास्त्री ब्रिज के मध्य कटान एरिया में एक महिला गहरे पानी में गिरकर डूबने लगी। 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ के आरक्षी सूरज गुप्ता ने तत्काल पानी में कूदकर महिला की जान बचाई। महिला की पहचान लीलावती देवी के रूप में हुई, जो आजमगढ़ की निवासी हैं।
आरक्षी सूरज गुप्ता ने अपनी जान की परवाह किए बिना महिला को सुरक्षित बाहर निकाला। महिला ने पीएसी बल को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके साहस के कारण उनकी जान बच पाई। इस साहसिक कार्य की सराहना करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी सुजीत पांडेय ने जवान को प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया और प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र, आईपीएस ने जवान को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
विशेष कवर और पिक्चर पोस्टकार्ड का विमोचन
महाकुंभ के दौरान प्रधान डाकघर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में डाक विभाग द्वारा दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ पर विशेष आवरण एवं पिक्चर पोस्टकार्ड का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित और विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी आरएस बेदी ने इस पहल की सराहना की।
पोस्टमास्टर जनरल राजीव उमराव ने कहा कि यह विशेष कवर महाकुंभ और प्रयागराज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है। डाक विभाग न केवल संचार के माध्यम के रूप में कार्य करता है, बल्कि कला, संस्कृति और इतिहास को संजोने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अखंड यज्ञ और गोवर्धन मठ की पहल
महाकुंभ मेला के दौरान श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के शिविर में जनकल्याण और गौ रक्षा के लिए अखंड यज्ञ शुरू हुआ। गोवर्धन मठ के पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने मौनी अमावस्या पर सैकड़ों अनुयायियों के साथ गंगा में स्नान किया और यज्ञ की शुरुआत की।
माघी पूर्णिमा तक निरंतर यज्ञकुंड में आहुतियां डाली जाएंगी, साथ ही संगम तट पर हुए हादसों में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ और हवन किया जाएगा।